Group-2 revaluation : तेलंगाना में जहाँ एक तरफ ग्रुप–1 विवाद अभी भी जारी है, वहीं दूसरी तरफ हाईकोर्ट ने ग्रुप–2 उम्मीदवारों के लिए बड़ा झटका दिया है। अदालत ने 2015–16 में आयोजित ग्रुप–2 परीक्षा को रद्द करते हुए सनसनीखेज आदेश जारी किए हैं।
याचिकाकर्ताओं की दलीलों को सुनते हुए ध्रमासन ने स्पष्ट रूप से कहा कि परीक्षा आयोजित करने में TGPSC ने हाईकोर्ट के निर्देशों का उल्लंघन किया है। इस वजह से इस परीक्षा के आधार पर नौकरी हासिल करने वालों में भारी चिंता फैल गई है।
OMR शीट टैंपरिंग पर गंभीर टिप्पणी
अभ्यर्थियों ने यह आरोप लगाते हुए याचिका दायर की थी कि उनके OMR शीट्स में टैंपरिंग की गई है। इस मामले की विस्तृत सुनवाई के बाद हाईकोर्ट ने पाया कि 2015–16 परीक्षा प्रक्रिया में गंभीर अनियमितताएँ हुई थीं।
इसी आधार पर कोर्ट ने लगभग 10 साल पहले हुई ग्रुप–2 परीक्षा को रद्द करने का आदेश सुनाया।
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TGPSC पर हाईकोर्ट की कड़ी नाराज़गी (Group-2 revaluation)
न्यायमूर्ति नागेश भीमपाका ने सुनवाई के दौरान कहा कि—
- TGPSC ने कानूनी प्रक्रियाओं का पालन नहीं किया,
- और अपनी सीमा से बाहर जाकर कार्य किया।
इसलिए आयोग को पुनर्मूल्यांकन (Revaluation) करने का आदेश दिया गया।
इसके बाद नई योग्य अभ्यर्थियों की सूची जारी करनी होगी।
8 हफ्तों में पुनर्मूल्यांकन पूरा करना जरूरी
हाईकोर्ट ने TGPSC को स्पष्ट रूप से निर्देश दिए कि—
- 8 सप्ताह के भीतर पुनर्मूल्यांकन पूरा किया जाए,
- और नई मेरिट लिस्ट प्रकाशित की जाए।
इन आदेशों के बाद आयोग पर कड़ी जिम्मेदारी आ गई है।
10 साल पहले नौकरी पाने वालों में चिंता
2015–16 ग्रुप–2 परीक्षा के आधार पर चयनित होकर
विभिन्न विभागों में नौकरी कर रहे कर्मचारियों के लिए यह फैसला बड़ा झटका बन गया है।
अब उनका भविष्य क्या होगा?—इसी चिंता में वे परेशान हैं।
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