52 हफ्तों में सर्वोच्च स्तर हासिल
नई दिल्ली: रिलायंस(Reliance) इंडस्ट्रीज ने मंगलवार को बाजार में उल्लेखनीय बढ़त दर्ज की है। नई दिल्ली(New Delhi) में उपलब्ध ताज़ा आंकड़ों के अनुसार यह शेयर डेढ़ फीसदी से अधिक उछलकर 1560 रुपये के स्तर पर पहुंच गया। मुकेश अंबानी(Mukesh Ambani) के नेतृत्व वाली यह कंपनी पिछले साल से चली आ रही गिरावट के बाद अब मजबूत रिकवरी दिखा रही है। मार्च 2025 के बाद इसमें लगातार तेजी आने से निवेशकों का भरोसा फिर लौटने लगा है।
सोमवार को यह शेयर 1535.75 रुपये पर बंद हुआ था, जबकि मंगलवार को हल्की गिरावट के साथ 1535 रुपये पर खुला। थोड़ी देर बाद इसमें तेजी दिखी और यह 52 हफ्तों के उच्चतम स्तर 1560 रुपये पर पहुंच गया। दोपहर 1:30 बजे यह 0.89% की मजबूती के साथ 1549.35 रुपये पर ट्रेड हो रहा था।
तेजी के कारण और बाजार संकेत
विशेषज्ञों के अनुसार इस उछाल के पीछे कई सकारात्मक कारक काम कर रहे हैं। रिफाइनिंग मार्जिन में सुधार, टेलीकॉम क्षेत्र में टैरिफ बढ़ोतरी का लाभ और रिटेल कारोबार में लगातार ग्रोथ ने कंपनी की आय को मजबूत किया है। साथ ही कंपनी के कई आंतरिक बिजनेस से अतिरिक्त वैल्यू मिलने की उम्मीद बढ़ी है, जिससे निवेशकों का रुझान और मजबूत हुआ है।
इस साल शेयर ने शानदार प्रदर्शन किया है। यह 25% से अधिक चढ़ चुका है और पिछले छह महीनों में 8% का रिटर्न दे चुका है। कंपनी का मार्केट कैप भी तेजी से बढ़ा है और मंगलवार दोपहर यह 20,96,044 करोड़ रुपये पहुंच गया, जिससे यह देश की सबसे मूल्यवान कंपनी बनी हुई है।
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निवेशकों का बढ़ता भरोसा
पिछले सप्ताह ही कंपनी के मार्केट कैप में 36,673 करोड़ रुपये का इजाफा हुआ था। लंबी गिरावट के बाद आई यह रिकवरी बाजार के लिए सकारात्मक संकेत है। कई विश्लेषक मानते हैं कि यदि मौजूदा सेक्टर-वाइज मजबूती जारी रहती है, तो शेयर आगामी महीनों में और बेहतर प्रदर्शन कर सकता है।
रिलायंस में हाल की तेजी से निवेशकों को क्या संकेत मिलता है?
शेयर की निरंतर बढ़त दर्शाती है कि कंपनी के मुख्य कारोबार मजबूत स्थिति में हैं। निवेशकों का भरोसा बढ़ा है और सेक्टर-आधारित सुधार ने भी सकारात्मक प्रभाव डाला है। यह तेजी बताती है कि बाजार में इस शेयर को लेकर दीर्घकालिक उम्मीदें मजबूत हो रही हैं।
क्या आने वाले महीनों में शेयर की रफ्तार कायम रह सकती है?
यदि रिफाइनिंग, रिटेल और टेलीकॉम से होने वाली आय इसी तरह बढ़ती रही, तो शेयर की गति कायम रह सकती है। विशेषज्ञों का मानना है कि कंपनी की विविध बिजनेस रणनीति इसे स्थिर समर्थन देती है। हालांकि निवेशकों को दीर्घकालिक फैसलों से पहले विशेषज्ञ सलाह लेना उचित होगा।
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