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Breaking News: Simone Tata: लैक्मे की प्रेरणा, सिमोन टाटा विदा

Dhanarekha
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Breaking News: Simone Tata: लैक्मे की प्रेरणा, सिमोन टाटा विदा

भारतीय सौंदर्य उद्योग की महान हस्ती

नई दिल्ली: टाटा परिवार की प्रतिष्ठित और प्रभावशाली व्यक्तित्व सिमोन टाटा(Simone Tata) का शुक्रवार को 95 वर्ष की आयु में निधन हो गया। वे मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में उम्र से जुड़ी स्वास्थ्य समस्याओं का उपचार ले रही थीं। सिमोन टाटा ट्रेंट की चेयरपर्सन एमेरिटस, टाटा ट्रस्ट्स के चेयरमैन नोएल टाटा की मां तथा रतन टाटा की सौतेली मां थीं। उन्होंने भारतीय महिलाओं की सुंदरता तथा आत्मविश्वास की परिभाषा को नया रूप दिया।

स्विट्जरलैंड(Switzerland) में जन्मी सिमोन टाटा(Simone Tata) ने भारत(India) में ब्यूटी और फैशन बाजार को पूरी तरह बदल दिया। उन्होंने लैक्मे को देश का अग्रणी कॉस्मेटिक ब्रांड बनाया और बाद में वेस्टसाइड फैशन रिटेल चेन की स्थापना करके करोड़ों उपभोक्ताओं की जीवनशैली को प्रभावित किया। लेकिन उनके योगदान का सबसे महत्वपूर्ण पक्ष यह था कि उन्होंने भारतीय मिडिल क्लास महिलाओं के भीतर आत्मविश्वास और आधुनिक सोच को जागृत किया

लैक्मे के विकास की मजबूत नींव

सिमोन टाटा(Simone Tata) 1962 में लैक्मे के बोर्ड में शामिल हुईं, तब यह टाटा ऑयल मिल्स की एक छोटी कॉस्मेटिक यूनिट मात्र थी। उस दौर में भारतीय महिलाएं मेकअप को लेकर झिझक महसूस करती थीं और ब्यूटी प्रोडक्ट्स को अक्सर विलासिता माना जाता था। हालांकि सिमोन टाटा ने यह मानते हुए ब्रांड को आगे बढ़ाया कि सुंदर दिखना हर महिला का अधिकार है, न कि कोई विशेष सुविधा।

अगले दो दशकों में उनके नेतृत्व में लैक्मे ने भारतीय महिलाओं की सोच बदली और घरेलू जरूरतों, बजट तथा भारतीय त्वचा की समझ के आधार पर प्रोडक्ट तैयार किए। 1970 और 80 के दशकों में लैक्मे एक संवेदनशील और विश्वसनीय ब्रांड के रूप में उभरा। इससे भारतीय महिलाएं अधिक आत्मविश्वासी हुईं और भारतीय बाजार में स्वदेशी ब्यूटी इंडस्ट्री को ऊंचाई मिली।

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ट्रेंट की स्थापना और उल्लेखनीय उपलब्धियां

1990 के दशक में आर्थिक उदारीकरण के दौरान उन्होंने एक ऐतिहासिक निर्णय लेते हुए लैक्मे को हिंदुस्तान यूनिलीवर को 45 मिलियन डॉलर में बेच दिया। लेकिन इस सौदे से प्राप्त पूंजी से उन्होंने ट्रेंट की स्थापना की, जिसने आगे चलकर वेस्टसाइड और जुडियो जैसे आधुनिक रिटेल ब्रांड विकसित किए। उनका लक्ष्य भारतीय उपभोक्ताओं को सुलभ मूल्य, गुणवत्ता और स्टाइल प्रदान करना था।

सिमोन टाटा ने अपने कार्यकाल में निजी लेबल मॉडल, अनुशासित मूल्य निर्धारण और ग्राहक केंद्रित सोच को आधार बनाया। धीरे-धीरे उन्होंने पद छोड़ दिया, लेकिन कंपनी आज भी उसी सिद्धांत पर आगे बढ़ रही है। उन्होंने सर रतन टाटा इंस्टीट्यूट जैसे कई चैरिटेबल संगठनों में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और सामाजिक कार्यों को गति दी।

सिमोन टाटा को भारतीय बाजार में विशेष स्थान क्यों मिला?

उन्होंने भारतीय महिलाओं के बीच आत्मविश्वास, आधुनिकता और आत्मनिर्भरता की भावना को मजबूत किया। लैक्मे और ट्रेंट दोनों को उन्होंने जिस स्थिरता और भावनात्मक जुड़ाव के साथ विकसित किया, उसने उन्हें उद्योग की मिसाल बना दिया।

लैक्मे नाम के चयन के पीछे क्या कारण था?

ब्रांड का नाम फ्रेंच ओपेरा ‘लैक्मे’ से प्रेरित था, जिसका संबंध लक्ष्मी से जुड़ा है। इसे राष्ट्रीय गर्व और स्वदेशी निर्माण के उद्देश्य के साथ चुना गया, ताकि विदेशी सौंदर्य प्रसाधनों पर निर्भरता कम की जा सके।

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