2026 में ₹2.5 लाख करोड़ जुटाएंगी 192 कंपनियाँ
नई दिल्ली: प्रारंभिक सार्वजनिक पेशकश (IPO) के माध्यम से पूंजी जुटाने का 2025 का रिकॉर्ड अगले साल यानी 2026 में टूटने की पूरी संभावना है। 2025 में, लगभग 100 कंपनियों ने मेनबोर्ड IPO से रिकॉर्ड ₹1.77 लाख करोड़ जुटाए, जो 2007 के बाद सबसे अधिक था। हालाँकि, 2026 में 192 कंपनियाँ ₹2.56 लाख करोड़ जुटाने का लक्ष्य लेकर चल रही हैं। प्राइमडेटाबेस के आँकड़ों के अनुसार, बाज़ार की पाइपलाइन(Pipeline) काफी मजबूत है: 88 कंपनियों को ₹1.16 लाख करोड़ के IPO लाने की मंजूरी मिल चुकी है, जबकि 104 कंपनियाँ ₹1.4 लाख करोड़ के पब्लिक इश्यू के लिए सेबी की मंजूरी का इंतजार कर रही हैं। यह तेज़ी भारतीय शेयर बाज़ार में निवेशकों की बढ़ती रुचि और कंपनियों के विस्तार की आकांक्षाओं को दर्शाती है।
बड़े नामों की लिस्टिंग और मजबूत लिक्विडिटी
आगामी वर्ष 2026 में निवेशकों को IPO बाज़ार में कई बड़े और बहुचर्चित नामों की लिस्टिंग का इंतजार रहेगा। इनमें नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE), रिलायंस जियो, मणिपाल हॉस्पिटल्स, और फोनपे जैसी दिग्गज कंपनियाँ शामिल हैं। PhonePe, जिसने ₹10,000 करोड़ के इश्यू के लिए ड्राफ्ट पेपर जमा किए हैं, सबसे अधिक चर्चित इश्यू में से एक है। इसके अलावा, नई पीढ़ी की कंपनियाँ जैसे Zepto, Boat, OfBusiness, और Corefoods भी IPO कैलेंडर में उत्साह बढ़ाएँगी। एक्सिस सिक्योरिटीज के सीनियर VP राजेश पालविया के अनुसार, घरेलू शेयर बाज़ार में पर्याप्त लिक्विडिटी (निवेश के लिए पैसा) है, और खुदरा निवेशक मजबूत स्थिति में हैं। मजबूत अर्थव्यवस्था और उभरती नई कंपनियों के कारण हर IPO को अच्छा प्रतिसाद मिल रहा है।
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प्रमोटरों की निकासी और IPO की सफलता के कारक
हाल के वर्षों में, प्राइवेट इक्विटी (PE) और वेंचर कैपिटल (VC) फंड्स अपने निवेश को भुनाना चाहते हैं। प्राइमरी मार्केट में तेज़ी आने के कारण IPO उनके लिए पूंजी निकालने का एक अच्छा माध्यम बन गया है। इस साल, कंपनियों के प्रमोटर, PE और VC निवेशक ऑफर फॉर सेल (OFS) के माध्यम से अपने हिस्से के शेयर बेचकर ₹1.10 लाख करोड़ घर ले गए, जबकि कंपनियों के पास विस्तार के लिए ₹67,000 करोड़ शेष रहे। विशेषज्ञों का मानना है कि 2026 का ₹2.56 लाख करोड़ का लक्ष्य आसानी से हासिल हो जाएगा, क्योंकि IPO बाज़ार 2025 की तरह ही चुनौतियों के बावजूद चमकता रहेगा। इसका एक प्रमाण यह भी है कि 2025 में IPO के लिए आवेदन करने वाली कंपनियों की संख्या (244) 2024 की तुलना में 55% अधिक थी।
कंपनियाँ IPO से पूंजी क्यों जुटा रही हैं और IPO बाज़ार में तेज़ी आने के मुख्य कारण क्या हैं?
कंपनियाँ मुख्य रूप से विस्तार करने, अपने ऑपरेशन को बेहतर बनाने, या कर्ज चुकाने के लिए पूंजी जुटा रही हैं। IPO बाज़ार में तेज़ी आने के मुख्य कारण हैं: घरेलू शेयर बाज़ार में भरपूर लिक्विडिटी, खुदरा निवेशकों का मजबूत होना, देश की अर्थव्यवस्था की बेहतर स्थिति, और PE/VC फंड्स का अपने निवेश को भुनाना (एग्जिट) चाहना।
2026 में निवेशकों को किन चार प्रमुख कंपनियों के IPO फाइलिंग का इंतजार रहेगा?
2026 में निवेशकों को जिन चार प्रमुख कंपनियों के IPO फाइलिंग का इंतजार रहेगा, वे हैं:
नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE)
रिलायंस जियो
मणिपाल हॉस्पिटल्स
फोनपे
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