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Breaking News: FDI: बीमा क्षेत्र में 100% एफडीआई को मंजूरी

Dhanarekha
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Breaking News: FDI: बीमा क्षेत्र में 100% एफडीआई को मंजूरी

विदेशी निवेश से बदलेंगे बाजार हालात

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी(Narendra Modi) की अगुवाई में केंद्रीय कैबिनेट ने बीमा क्षेत्र में बड़ा सुधार करते हुए एफडीआई(FDI) सीमा को 100% तक बढ़ाने वाले बिल को मंजूरी दे दी है। इस फैसले से विदेशी कंपनियों को भारत में सीधे बीमा कारोबार करने का पूरा अधिकार मिलेगा। कैबिनेट का यह कदम बाजार में प्रतिस्पर्धा बढ़ाएगा और ग्राहकों के लिए सेवाओं की गुणवत्ता को बेहतर बनाने में अहम साबित होगा।

इस बिल(Bill) को संसद के मौजूदा शीतकालीन सत्र में पेश किया जाएगा। इसके साथ ही बीमा क्षेत्र में संरचनात्मक सुधारों को भी हरी झंडी मिली है, जिनका उद्देश्य बीमा की पहुंच बढ़ाना और उद्योग को तेज गति देना है

बजट घोषणा और प्रस्तावित सुधार

वित्त मंत्री द्वारा बजट भाषण में एफडीआई(FDI) सीमा 74% से बढ़ाकर 100% करने की घोषणा की गई थी, जिसे अब औपचारिक मंजूरी मिल चुकी है। अभी तक बीमा उद्योग ने 82,000 करोड़ रुपये से अधिक का विदेशी निवेश आकर्षित किया है, और नई नीति से इस आंकड़े में उल्लेखनीय वृद्धि की उम्मीद है। मंत्रालय ने बीमा अधिनियम 1938 में कई बदलाव सुझाए हैं, जिनमें न्यूनतम पूंजी आवश्यकताओं को सरल बनाना और संयुक्त लाइसेंस प्रणाली लागू करना शामिल है।

सरकार द्वारा किए जा रहे सुधारों का मकसद बीमा क्षेत्र को अधिक लचीला और निवेशकों के अनुकूल बनाना है। इससे घरेलू और विदेशी कंपनियों दोनों को नए अवसर मिलेंगे, जिससे उद्योग की गति और बढ़ेगी।

अन्य अधिनियमों में भी बदलाव की तैयारी

बीमा अधिनियम 1938 के अतिरिक्त एलआईसी अधिनियम 1956 और आईआरडीएआई अधिनियम 1999 में भी संशोधन किए जाएंगे। एलआईसी अधिनियम में प्रस्तावित बदलाव इसके बोर्ड को नए शाखा खोलने और भर्ती प्रक्रिया में अधिक स्वतंत्रता प्रदान करेंगे। यह कदम सार्वजनिक क्षेत्र की सबसे बड़ी बीमा कंपनी को संचालन संबंधी निर्णयों में सक्षम बनाएगा।

इन सुधारों के जरिए सरकार बीमा बाजार की बाधाओं को कम करने और उद्योग को भविष्य की मांगों के अनुरूप ढालने की कोशिश कर रही है। इससे नीति निर्माण से लेकर ग्राहक सेवाओं तक कार्यक्षमता बढ़ेगी।

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ग्राहकों को मिलने वाले फायदे

बीमा कंपनियों के बीच प्रतिस्पर्धा बढ़ने से ग्राहकों को अधिक विकल्प और बेहतर सुविधाएं प्राप्त होंगी। कम प्रीमियम, डिजिटल सेवाओं में सुधार और क्लेम सेटलमेंट में तेजी जैसे लाभ सीधे उपभोक्ताओं तक पहुंचेंगे। विदेशी पूंजी का प्रवाह बाजार में स्थिरता लाएगा और रोजगार के नए अवसर भी पैदा करेगा।

सरकार का लक्ष्य वर्ष 2047 तक हर नागरिक तक बीमा की पहुंच सुनिश्चित करना है। इस दिशा में नए संशोधन उद्योग को मजबूत आधार देंगे और आर्थिक सुरक्षा को बढ़ावा देंगे।

एफडीआई बढ़ने से बीमा बाजार कैसे बदलेगा?

नई नीति से विदेशी कंपनियां भारत में पूर्ण स्वामित्व के साथ बीमा व्यवसाय कर सकेंगी। इससे पूंजी निवेश में तेजी आएगी, उत्पादों की विविधता बढ़ेगी और उद्योग में तकनीकी सुधार होंगे। ग्राहकों को अधिक प्रतिस्पर्धी योजनाएं उपलब्ध होंगी।

एलआईसी अधिनियम में बदलाव क्यों ज़रूरी माने जा रहे हैं?

इन संशोधनों से एलआईसी को नई शाखाएं खोलने, संचालन संबंधित निर्णय लेने और कर्मचारियों की नियुक्ति में अधिक स्वतंत्रता मिलेगी। इससे इसकी दक्षता बढ़ेगी और बीमा सेवाओं की पहुंच का विस्तार तेज होगा।

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