తెలుగు | Epaper

Amit Shah: पहलगाम के दहशतगर्दों को अमित शाह का कड़ा संदेश

Kshama Singh
Kshama Singh

लड़ाई अभी खत्म नहीं हुई, चुन-चुन कर लिया जाएगा बदला…

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने गुरुवार को पहलगाम हमले में शामिल आतंकवादियों को चेतावनी दी कि उन्हें यह नहीं सोचना चाहिए कि उन्होंने युद्ध जीत लिया है। पहलगाम के बाद अपनी पहली सार्वजनिक टिप्पणी में शाह ने कहा कि लड़ाई अभी खत्म नहीं हुई है। आतंकवादियों को यह नहीं सोचना चाहिए कि हमारे 27 लोगों को मारने के बाद उन्होंने युद्ध जीत लिया है। उन्होंने एक कार्यक्रम में बोलते हुए कहा कि पहलगाम में नागरिकों की हत्या करने वाले हर एक आतंकवादी की तलाश की जाएगी और उसे दंडित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार आतंकवाद को जड़ से उखाड़ फेंकेगी और पहलगाम आतंकी हमले का जवाब देगी।

हमने हर चीज का कड़ा जवाब दिया है: अमित शाह

शाह ने कहा कि मैं आज जनता से कहना चाहता हूं कि 90 के दशक से कश्मीर में आतंकवाद चलाने वालों के खिलाफ हम जीरो टॉलरेंस की नीति पर मजबूती से लड़ रहे हैं। आज वो (आतंकवादी) ये न सोचें कि हमारे नागरिकों की जान लेकर उन्होंने जंग जीत ली है। मैं आतंक फैलाने वालों से कहना चाहता हूं कि ये जंग खत्म नहीं हुई है, हर एक को मुंहतोड़ जवाब दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में हमने हर चीज का कड़ा जवाब दिया है, चाहे वो नॉर्थ ईस्ट हो, वामपंथी उग्रवाद के इलाके हों या कश्मीर में आतंकवाद का साया हो।

अमित शाह

अमित शाह: देश के हर एक इंच से आतंकवाद को उखाड़ फेंकना हमारा संकल्प

अमित शाह ने हुंकार भरते हुए कहा कि अगर कोई सोचता है कि कायराना हमला करके उसने अपनी बड़ी जीत हासिल कर ली है, तो समझ लीजिए ये नरेंद्र मोदी सरकार है, किसी को बख्शा नहीं जाएगा। इस देश के हर एक इंच से आतंकवाद को उखाड़ फेंकना हमारा संकल्प है। बोडोफा उपेंद्रनाथ ब्रह्मा की विरासत को सम्मानित करने के लिए सड़क और प्रतिमा के उद्घाटन समारोह में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि यह मेरा सौभाग्य है कि आज मुझे कैलाश कॉलोनी में बोडोफा के सम्मान में प्रतिमा का अनावरण और सड़क का उद्घाटन करने का अवसर मिला है।

अमित शाह: बोडोफा की प्रतिमा सभी छोटी जनजातियों का सम्मान बढ़ाती है

उन्होंने कहा कि यह प्रतिमा न केवल बोडो समुदाय के लिए बल्कि उन सभी छोटी जनजातियों के लिए भी महत्वपूर्ण है जिन्होंने अपनी भाषा, संस्कृति और विकास के लिए संघर्ष किया। बोडोफा की प्रतिमा न केवल बोडो समुदाय बल्कि ऐसी सभी छोटी जनजातियों का सम्मान बढ़ाती है। उन्होंने कहा कि असम बोडोलैंड के लोगों को स्वीकार करता है और बोडोलैंड असम को स्वीकार करता है।

किसी भी तरह की हीन भावना नहीं रखनी चाहिए

आज बोडोलैंड से बहुत सारे लोग मेरी बात सुन रहे हैं, मैं कहना चाहता हूँ कि आप सभी को किसी भी तरह की हीन भावना नहीं रखनी चाहिए। इस देश पर जितना हक मेरा है उतना ही आपका भी है। 9 महीने की विस्तृत चर्चा के बाद 2020 में बोडो समझौते पर हस्ताक्षर हुए और सभी लोग आज हथियार डालकर मुख्यधारा में शामिल हो गए हैं। मैं बोडोलैंड के लोगों से कहना चाहता हूँ कि हमने आपके साथ किए गए समझौते के 96% मुद्दों को सुलझा लिया है।

📢 For Advertisement Booking: 98481 12870