अनंत चतुर्दशी की तिथि: शनिवार, 6 सितंबर 2025- इस दिन गणेशोत्सव का अंतिम दिन होता है, जब श्रद्धालु गजानन को भावभीनी विदाई देते हैं।
- तिथि आरंभ: 6 सितंबर को सुबह 03:12 AM से
- तिथि समाप्त: 7 सितंबर को रात 01:41 AM तक
Ganesh Visarjan On Anant Chaturdashi 2025: अनंत चतुर्दशी को अनन्त चौदस (Anant Chaudas) के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन भगवान विष्णु, माता यमुना और शेषनाग की पूजा की जाती है। भक्त इस दिन अनन्त सूत्र बांधते हैं। इस दिन गणेश चतुर्थी (Ganesh Chaturthi) पर स्थापित की गई बप्पा की प्रतिमा का विर्सजन किया जाता है और इसी के साथ गणेश उत्सव का समापन हो जाता है। अगर आप भी अनंत चतुर्दशी पर गणेश विसर्जन करने की सोच रहे हैं तो यहां जान लें इसका शुभ मुहूर्त और विधि।
अनंत चतुर्दशी पर गणेश विसर्जन का मुहूर्त 2025 (Anant Chaturdashi Par Ganesh Visarjan Ka Muhurat 2025)
- अनन्त चतुर्दशी पर गणेश विसर्जन का शुभ मुहूर्त इस प्रकार रहेगा…
- प्रातः मुहूर्त (शुभ) – 07:36 ए एम से 09:10 ए एम
- अपराह्न मुहूर्त (चर, लाभ, अमृत) – 12:19 पी एम से 05:02 पी एम
- सायाह्न मुहूर्त (लाभ) – 06:37 पी एम से 08:02 पी एम
- रात्रि मुहूर्त (शुभ, अमृत, चर) – 09:28 पी एम से 01:45 ए एम, सितम्बर 07
- उषाकाल मुहूर्त (लाभ) – 04:36 ए एम से 06:02 ए एम, सितम्बर 07
- चतुर्दशी तिथि प्रारम्भ – 06 सितम्बर 2025 को 03:12 ए एम बजे
- चतुर्दशी तिथि समाप्त – 07 सितम्बर 2025 को 01:41 ए एम बजे
अनंत चतुर्दशी पूजा मुहूर्त
अनन्त चतुर्दशी पूजा मुहूर्त – 06:02 ए एम से 01:41 ए एम, सितम्बर 07
गणेश विसर्जन विधि

गणेश विसर्जन के तहत भगवान गणेश जी की प्रतिमा को जल में विसर्जित किया जाता है। गणेश जी की प्रतिमा को विसर्जित करने से पहले उनकी विधि विधान पूजा की जाती है। उन्हें भोग लगाया जाता है। फिर ढोल-नगाड़ों के साथ झांकियां निकालकर उन्हें जल में विसर्जित किया जाता है।
अनंत कब है 2025 में?
मान्यता है कि इस दिन व्रत रखने और अनंत भगवान की पूजा करने से सारे दुख-दर्द खत्म हो जाते हैं और जीवन में सुख-समृद्धि आती है. इस बार अनंत चतुर्दशी का पर्व 6 सितंबर, शनिवार को मनाया जाएगा.
अनंत चतुर्थी क्यों मनाई जाती है?
अनंत चतुर्दशी दस दिवसीय गणेशोत्सव या गणेश चतुर्थी का अंतिम दिन है। इसे गणेश चौदस कहा जाता है, जब भक्त अनंत चतुर्दशी गणेश विसर्जन द्वारा भगवान गणेश को विदाई देते हैं। यह पवित्र दिन भगवान विष्णु को भी समर्पित है, जिनकी पूजा उनके अनंत रूप में की जाती है
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