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Breaking News: Forex: विदेशी मुद्रा भंडार फिर लुढ़का नीचे

Dhanarekha
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Breaking News: Forex: विदेशी मुद्रा भंडार फिर लुढ़का नीचे

लगातार दूसरे सप्ताह बड़ी कमी

मुंबई: फॉरेन करेंसी एसेट में भारी गिरावट के कारण भारत(India) का विदेशी मुद्रा भंडार(Forex) लगातार दूसरे सप्ताह घट गया है। बीते 28 नवंबर को समाप्त सप्ताह के दौरान रिजर्व में $1.87 Billion की कमी दर्ज की गई। हालांकि सोने के भंडार में उल्लेखनीय बढ़ोतरी हुई है, जिससे कुल गिरावट का प्रभाव कुछ कम हुआ। इससे पहले 21 नवंबर 2025 के सप्ताह में $4.47 Billion की बड़ी गिरावट हुई थी।

भारतीय रिजर्व बैंक(RBI) द्वारा जारी ताज़ा आंकड़ों के अनुसार इस बार FCA में $3.56 Billion की भारी कमी हुई है। इसके अलावा डॉलर(Dollar) में उतार-चढ़ाव तथा वैश्विक बाज़ार की स्थिति का भी भारतीय विदेशी भंडार पर असर देखा गया। इस गिरावट के बाद देश का कुल रिजर्व घटकर $686.227 Billion रह गया है, जबकि सितंबर 2024 में यह $704.885 Billion के ऐतिहासिक स्तर पर था

एफसीए भंडार में लगातार गिरावट

सांख्यिकीय रिपोर्ट के अनुसार FCA विदेशी मुद्रा भंडार का सबसे बड़ा हिस्सा होता है, जिसमें अमेरिकी डॉलर के साथ यूरो, पौंड और येन जैसी मुद्राओं के उतार-चढ़ाव का प्रभाव शामिल होता है। बीते सप्ताह FCA में $3.569 Billion की कमी हुई, जबकि इससे एक सप्ताह पहले भी इसमें $1.69 Billion की गिरावट दर्ज हुई थी। इसके बाद FCA भंडार कम होकर $557.031 Billion रह गया।

रिज़र्व बैंक के अनुसार विदेशी मुद्रा भंडार(Forex) में गिरावट का प्रमुख कारण वैश्विक वित्तीय बाज़ार में अस्थिरता और केंद्रीय बैंकों की नीतिगत सख़्ती मानी जा रही है। कई विशेषज्ञों का मानना है कि निर्यात सुधार और विदेशी निवेश बढ़ने पर स्थिति स्थिर हो सकती है।

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सोने व एसडीआर भंडार में बढ़त

सोने के भंडार के वैल्यू में इस सप्ताह $1.613 Billion की वृद्धि हुई, जबकि इससे पहले $2.67 Billion की बढ़ोतरी हुई थी। अब देश का कुल गोल्ड रिज़र्व बढ़कर $105.795 Billion पर पहुंच गया है। इस समय आरबीआई के पास सोने का भंडार 880 टन से अधिक है, जो कुल विदेशी रिजर्व का लगभग 14.7% हिस्सेदारी रखता है।

समीक्षाधीन सप्ताह के दौरान विशेष आहरण अधिकार में $63 Million की वृद्धि दर्ज हुई है। इसी अवधि में अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष के पास जमा देश के रिजर्व में भी $16 Million की बढ़त हुई, जिससे IMF रिज़र्व बढ़कर $4.772 Billion हो गया है।

विदेशी मुद्रा भंडार के गिरने से आम लोगों पर क्या प्रभाव पड़ेगा?

विदेशी भंडार में कमी का प्रभाव मुद्रा विनिमय दरों, आयात कीमतों और ईंधन के मूल्य पर दिखाई दे सकता है। यदि स्थिति लंबी अवधि तक जारी रही, तो रुपया और कमजोर हो सकता है और आयातित वस्तुएं महंगी हो सकती हैं।

क्या सोने का भंडार बढ़ना देश के लिए सकारात्मक संकेत है?

सोने के रिजर्व में वृद्धि आर्थिक स्थिरता का संकेत मानी जाती है। वैश्विक अनिश्चितता के दौर में सोना सबसे सुरक्षित निवेश माना जाता है और यह विदेशी व्यापार संतुलन को संभालने में मदद करता है।

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