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Breaking News: Fund: फंड ऑफ फंड्स: इस धनतेरस का ‘कॉम्बो’ निवेश

Dhanarekha
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Breaking News: Fund: फंड ऑफ फंड्स: इस धनतेरस का ‘कॉम्बो’ निवेश

कॉम्बो FoFs बने बेहतरीन विकल्प

नई दिल्ली: इस फेस्टिव सीजन में, जब सोने और चांदी की कीमतें रॉकेट की रफ्तार से बढ़ रही हैं, निवेशक अपने पोर्टफोलियो(Port Folio) को सुरक्षित करने और महंगाई से बचने के लिए ‘कॉम्बो फंड(Fund) ऑफ फंड्स (FoFs)’ की ओर रुख कर रहे हैं। ये डुअल-एसेट पैसिव फंड्स निवेशकों को एक ही बार में सोने और चांदी दोनों में निवेश करने का शानदार मौका देते हैं। इन फंडों(Fund) का बढ़ता क्रेज इसलिए भी है क्योंकि पिछले दो सालों में सोने की कीमत लगभग दोगुनी हो गई है, वहीं औद्योगिक मांग और सप्लाई में कमी के कारण चांदी भी रिकॉर्ड तेजी से बढ़ रही है। इन FoFs में निवेश करने से आपको अलग-अलग फिजिकल सोना-चांदी खरीदने या अलग-अलग ईटीएफ में निवेश करने की ज़रूरत नहीं पड़ती

बाजार में उपलब्ध प्रमुख डुअल-एसेट FoFs और उनकी खासियत

इस नई कैटेगरी में चार बड़े फंड्स(Fund) सामने आए हैं, जिनमें से प्रत्येक की अपनी खास निवेश रणनीति है। कोटक गोल्ड सिल्वर पैसिव FoF एक क्वांटिटेटिव मॉडल का उपयोग करता है, जो सोने और चांदी की कीमतों के उतार-चढ़ाव के आधार पर अपने आप आवंटन(Allocation) तय करता है। वहीं, मिराए एसेट गोल्ड सिल्वर पैसिव FoF शुरुआत में 50:50 का आवंटन रखता है, जिसे बाद में सोने-चांदी के अनुपात और बड़े आर्थिक संकेतकों के आधार पर बदलता रहता है। इसके विपरीत, एडलवाइस गोल्ड एंड सिल्वर ईटीएफ FoF और मोतीलाल ओसवाल गोल्ड एंड सिल्वर ईटीएफ FoF दोनों ही एक निश्चित अनुपात में धातुओं में निवेश करते हैं और उन्होंने क्रमशः 57.9% और 59.7% का शानदार एक साल का रिटर्न दिया है। एडलवाइस भारत का सबसे पुराना डुअल-मेटल फंड है।

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FoFs का प्रदर्शन और निवेश की शुरुआती राशि

डुअल-एसेट FoFs ने हाल के दिनों में धातुओं की तेजी का पूरा फायदा उठाया है और निवेशकों को अच्छा रिटर्न दिया है। उदाहरण के लिए, एडलवाइस फंड(Fund) ने पिछले एक साल में 57.9% का रिटर्न दिया है, जबकि मोतीलाल ओसवाल फंड ने पिछले एक साल में 59.7% का बेहतरीन रिटर्न दिया है। इन फंडों की एक और खासियत है कि इनमें निवेश की शुरुआत बहुत कम राशि से की जा सकती है। निवेशक कोटक गोल्ड सिल्वर पैसिव FoF में सिर्फ ₹100 से, जबकि एडलवाइस फंड में ₹500 से भी निवेश शुरू कर सकते हैं। इन फंड्स का एक्सपेंस रेशियो (फंड चलाने का खर्च) भी काफी कम है, जैसे मोतीलाल ओसवाल का 0.15% और मिराए एसेट का 0.18%।

डुअल-एसेट पैसिव FoFs क्या हैं, और ये दिवाली-धनतेरस पर निवेश के लिए क्यों खास हैं?

इस एसेट पैसिव FoFs ऐसे म्यूचुअल फंड हैं जो सोने और चांदी, दोनों की एक्सचेंज ट्रेडेड फंड्स (ETFs) में एक साथ निवेश करते हैं। ये धनतेरस पर निवेश के लिए खास हैं क्योंकि ये आपको फिजिकल धातु खरीदे बिना या अलग-अलग ईटीएफ में निवेश किए बिना, एक ही प्रोडक्ट के माध्यम से सोने और चांदी दोनों की कीमतों में आई तेजी का लाभ उठाने का मौका देते हैं, जिससे निवेश आसान हो जाता है।

कोटक गोल्ड सिल्वर पैसिव FoF और मिराए एसेट गोल्ड सिल्वर पैसिव FoF की निवेश रणनीति में मुख्य अंतर क्या है?

गोल्ड सिल्वर पैसिव FoF अपनी निवेश रणनीति के लिए एक खास क्वांटिटेटिव मॉडल का इस्तेमाल करता है, जो बाजार के उतार-चढ़ाव के आधार पर सोने और चांदी में आवंटन खुद-ब-खुद तय करता है। वहीं, मिराए एसेट गोल्ड सिल्वर पैसिव FoF एक निश्चित 50:50 के शुरुआती अनुपात से शुरू होता है, और फिर सोने-चांदी के अनुपात (रेश्यो) तथा महंगाई/ग्लोबल ब्याज दरों जैसे बड़े आर्थिक संकेतों के आधार पर इस अनुपात को बदलता रहता है।

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