भारी वित्तीय घाटे के कारण जियोस्टार का बाहर निकलना
नई दिल्ली: रिलायंस के कंट्रोल वाली जियोस्टार (पहले स्टार इंडिया) ने इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल (ICC) के साथ 2024-27 के $3 बिलियन (करीब ₹25,000 करोड़) के इंडिया मीडिया राइट्स डील से बाहर निकलने का फैसला किया है। कंपनी ने ICC को सूचित किया है कि भारी फाइनेंशियल नुकसान के कारण वह चार साल की डील के बाकी दो साल (2026-27) पूरे नहीं कर पाएगी। जियोस्टार को अनुमान है कि वह इस डील से ₹25,760 करोड़ तक का नुकसान झेल सकती है, जिसके लिए उसने अपनी अकाउंट बुक्स में पहले ही ‘प्रोविजन’ करना शुरू कर दिया था। यह घाटा मुख्य रूप से उम्मीद से कम विज्ञापन और सब्सक्रिप्शन(Subscription) राजस्व के कारण हुआ है, जिसमें ड्रीम11 जैसे रियल मनी गेमिंग ऐप्स पर प्रतिबंध के बाद विज्ञापनदाताओं की कमी एक बड़ी वजह है।
ICC की चिंता और नए ब्रॉडकास्टर की तलाश
जियोस्टार के इस अप्रत्याशित फैसले ने ICC को एक मुश्किल स्थिति में डाल दिया है, खासकर 2026 में होने वाले मेन्स T20 वर्ल्ड कप से पहले। भारत ICC की कुल कमाई का लगभग 80% हिस्सा देता है, जिससे यह डील वैश्विक क्रिकेट संस्था के लिए बेहद महत्वपूर्ण है। ICC ने तुरंत सोनी, नेटफ्लिक्स और अमेजन प्राइम वीडियो जैसे बड़े प्लेयर्स से संपर्क किया, लेकिन कीमत ज्यादा होने की वजह से किसी ने भी राइट्स में दिलचस्पी नहीं दिखाई है। भारत में स्पोर्ट्स मीडिया का बाजार जियोस्टार और सोनी के मर्जर के बाद एक वर्चुअल ड्यूओपॉली (Virtual Duopoly) बन गया है, जिससे ICC के पास विकल्पों की कमी हो गई है।
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आगे की राह: नियामक चुनौतियाँ और संभावित समाधान
वर्तमान कॉन्ट्रैक्ट के अनुसार, जियोस्टार सैद्धांतिक रूप से 2027 तक डील से बंधा हुआ है। इसका अर्थ है कि यदि ICC को कोई नया पार्टनर नहीं मिलता है, तो घाटा होने के बावजूद जियोस्टार को ही मैच ब्रॉडकास्ट करने पड़ सकते हैं। वहीं, ICC ने 2026-29 के लिए इंडिया मीडिया राइट्स की एक नई सेल प्रक्रिया शुरू कर दी है, जिसके लिए वह पिछली डील से कम, करीब $2.4 बिलियन की मांग कर रही है। वैश्विक स्तर पर भी, स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म्स लाइव स्पोर्ट्स में निवेश करते समय अब अधिक सिलेक्टिव हो गए हैं, जिससे IOC और FIFA जैसी संस्थाओं को भी भारत में कम वैल्यूएशन मिल रही है। यह स्थिति भारत में स्पोर्ट्स ब्रॉडकास्टिंग के लिए एक बड़ा शेकअप पैदा कर सकती है।
जियोस्टार आईसीसी डील से क्यों बाहर निकलना चाहती है और उसे कितने नुकसान का अनुमान है?
इसको डील से भारी वित्तीय नुकसान हो रहा है। कंपनी का अनुमान है कि वह इस डील से ₹25,760 करोड़ तक का कुल नुकसान झेल सकती है। यह घाटा मुख्य रूप से विज्ञापन और सब्सक्रिप्शन से उम्मीद से कम कमाई और रियल मनी गेमिंग ऐप्स पर प्रतिबंध के कारण विज्ञापन राजस्व में आई कमी की वजह से हुआ है।
जियोस्टार के डील तोड़ने के बाद आईसीसी के सामने क्या मुख्य समस्या है और उसने किन कंपनियों से संपर्क किया है?
आईसीसी के सामने मुख्य समस्या यह है कि भारत उसकी कुल कमाई का 80% हिस्सा देता है और अभी सोनी, नेटफ्लिक्स और अमेज़न प्राइम वीडियो जैसी कंपनियों ने ज्यादा कीमत के कारण राइट्स लेने में दिलचस्पी नहीं दिखाई है। भारत में सीमित विकल्पों (ड्यूओपॉली) के कारण आईसीसी को नया ब्रॉडकास्टर ढूंढना मुश्किल हो रहा है।
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