देशभर में विमानन सेवाएं बुरी तरह प्रभावित
नई दिल्ली: डीजीसीए के आदेश के बावजूद इंडिगो(Indigo) की सेवाओं में सुधार दिखाई नहीं दे रहा है, जिसके चलते शनिवार को भी देश के प्रमुख एयरपोर्ट्स पर यात्रियों को भारी परेशानी उठानी पड़ी। दिल्ली, मुंबई, हैदराबाद, पुणे, अहमदाबाद और तिरुवनंतपुरम सहित कई शहरों में इंडिगो की 250 से अधिक उड़ानें रद्द या विलंबित रहीं। इससे यात्रियों की लंबी कतारें, टर्मिनल में भारी भीड़ और व्यवस्थाओं को लेकर नाराजगी देखने को मिली। हालांकि एयरपोर्ट अधिकारियों का कहना है कि कुछ रूट्स पर स्थिति धीरे-धीरे नियंत्रित हो रही है, किन्तु अव्यवस्था अब भी बनी हुई है।
अहमदाबाद(Ahmedabad) में सुबह 12 बजे से 6 बजे तक 7 अराइवल और 12 डिपार्चर फ्लाइट्स रद्द कर दी गईं, जिसके परिणामस्वरूप यात्रियों को वैकल्पिक यात्रा साधन ढूंढने में कठिनाई हुई। तिरुवनंतपुरम(Thiruvananthapuram) एयरपोर्ट पर भी 6 दिसंबर को निर्धारित फ्लाइट्स में से 6 रद्द हुईं, जिनमें 3 अराइवल और 3 डिपार्चर शामिल थीं। अचानक रद्दीकरण से यात्रियों में चिंता और भ्रम की स्थिति उत्पन्न हो गई।
बढ़ती अव्यवस्था और विस्तृत प्रभाव
पुणे एयरपोर्ट पर स्थिति अत्यंत गंभीर रही, जहां एक ही दिन में 42 उड़ानें रद्द की गईं। इनमें 14 अराइवल और 28 डिपार्चर शामिल थे, जिससे पूरे दिन हवाई यातायात पर असर पड़ा और यात्रियों को घंटों प्रतीक्षा करनी पड़ी। इसी क्रम में, हैदराबाद में 69 फ्लाइट्स रद्द होने का मामला सामने आया, जिसके चलते टर्मिनल गेट्स पर भीड़ बढ़ गई और यात्री लगातार अपडेट की प्रतीक्षा करते रहे।
मुंबई एयरपोर्ट पर सबसे बड़ा प्रभाव देखा गया, जहां सुबह 9 बजे तक 109 उड़ानें रद्द हो चुकी थीं। इसमें 51 अराइवल और 58 डिपार्चर फ्लाइट्स शामिल थीं, जिससे यात्रियों की योजनाएं बाधित हुईं और कई लोग फंसे रह गए। इसके अलावा दिल्ली में 106 उड़ानें रद्द हुईं, जिनमें 54 डिपार्चर और 52 अराइवल शामिल थे। एयरपोर्ट प्रबंधन ने कहा कि स्थिति सामान्य करने का प्रयास जारी है लेकिन पूरी बहाली में समय लग सकता है।
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सरकारी हस्तक्षेप और आगे की रणनीति
सरकार ने यात्रियों की समस्याओं को देखते हुए विमानन कंपनियों और हवाई अड्डा प्रबंधन से तत्काल समाधान के लिए परामर्श तेज कर दिया है। नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने कहा है कि यात्रियों की असुविधा को कम करने के लिए सभी संभावित कदम उठाए जा रहे हैं, जिससे सेवाएं जल्द स्थिर हो सकें। इसके अंतर्गत शुक्रवार को डीजीसीए द्वारा लागू कुछ नियमों में अस्थायी छूट भी दी गई है, ताकि संचालन प्रक्रिया सरल हो सके और सामान्य उड़ान सेवा बहाल की जा सके।
उड़ानें रद्द होने की मुख्य वजह क्या मानी जा रही है?
सूत्रों के अनुसार, स्टाफ की भारी कमी, तकनीकी संचालन में व्यवधान और समय प्रबंधन से जुड़े मुद्दों के कारण विमानन प्रणाली प्रभावित हो रही है। साथ ही कई रूट्स पर मांग बढ़ने से नियंत्रण बनाए रखना मुश्किल हो गया है, जिससे अचानक उड़ानों में देरी और रद्दीकरण बढ़ा।
यात्रियों को ऐसी स्थिति में क्या करना चाहिए?
विशेषज्ञों का सुझाव है कि यात्रा से पहले एयरलाइन की आधिकारिक अपडेट लगातार जांचते रहें और जहां संभव हो, वैकल्पिक उड़ानें या ट्रेन विकल्पों पर विचार करें। इसके अलावा टिकट की शर्तें समझकर रिफंड या रीबुकिंग का विकल्प जल्द लेना बेहतर माना जाता है।
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