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P-8I: भारत-अमेरिका रक्षा सौदे पर बढ़ी उम्मीद

Dhanarekha
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P-8I: भारत-अमेरिका रक्षा सौदे पर बढ़ी उम्मीद

35 हजार करोड़ रुपये के विमानों पर चर्चा

P-8I: अमेरिका और भारत(India) के बीच रुकी हुई व्यापारिक और रक्षा बातचीत एक बार फिर आगे बढ़ने जा रही है। अगले हफ्ते अमेरिका के रक्षा विभाग और बोइंग(Boeing) कंपनी के अधिकारी भारत का दौरा करेंगे। ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के अनुसार, यह दौरा करीब 4 अरब डॉलर यानी 35 हजार करोड़ रुपये के निगरानी विमान सौदे को लेकर होगा। माना जा रहा है कि इस चर्चा से दोनों देशों के बीच रिश्तों में आई तल्खी कुछ कम हो सकती है

सौदे की पृष्ठभूमि और वर्तमान स्थिति

भारत और अमेरिका के बीच छह P-8I नौसेना गश्ती विमान खरीदने को लेकर बातचीत लंबे समय से अटकी हुई थी। साल 2019 में यह सौदा तय हुआ था, लेकिन बाद में वार्ता रुक गई। भारत ने 2009 में 2.2 अरब डॉलर में आठ P-8I विमान खरीदे थे और 2019 में चार और विमानों का सौदा किया था। ये विमान तमिलनाडु में तैनात हैं और हिंद महासागर में निगरानी के लिए इस्तेमाल किए जाते हैं।

अब संकेत मिल रहे हैं कि ट्रंप प्रशासन का रवैया नरम हुआ है। उन्होंने कहा है कि व्यापारिक बातचीत फिर से शुरू की जाएगी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से वे व्यक्तिगत तौर पर चर्चा करेंगे। यह बयान इस ओर इशारा करता है कि टैरिफ और रूस के साथ भारत के संबंधों पर बना तनाव धीरे-धीरे कम हो रहा है।

टैरिफ विवाद और रणनीतिक महत्व

ट्रंप ने भारत से अमेरिका को होने वाले निर्यात पर 50% तक टैरिफ लगाया था। उनका कहना था कि भारत द्वारा रूस से तेल खरीदने से व्लादिमीर पुतिन को यूक्रेन युद्ध के लिए धन मिल रहा है। इसके बावजूद अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल का भारत दौरा दर्शाता है कि दोनों देश रक्षा जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर मतभेद किनारे रखकर आगे बढ़ना चाहते हैं।

विशेषज्ञों का मानना है कि यह सौदा अमेरिका को भारत के साथ व्यापार घाटा कम करने में मदद करेगा। साथ ही भारत के लिए यह समझौता समुद्री सुरक्षा और क्षेत्रीय संतुलन बनाए रखने की दिशा में अहम साबित होगा।

भारत के बदलते हथियार स्रोत

स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट की रिपोर्ट बताती है कि भारत अब रूस पर पहले की तरह निर्भर नहीं है। 2009 में जहां भारत के 76% हथियार रूस से आते थे, वहीं 2024 में यह आंकड़ा घटकर केवल 36% रह गया है।

दूसरी ओर, भारत और अमेरिका के बीच रक्षा सहयोग बढ़ा है। अमेरिकी कांग्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, 2018 से अब तक भारत ने अमेरिका से लगभग 20 अरब डॉलर के सौदे किए हैं। हाल ही में भारत ने अमेरिकी कंपनी जनरल एटॉमिक्स से 31 लंबी दूरी के ड्रोन खरीदने के लिए 3 अरब डॉलर से अधिक का समझौता भी किया था।

क्या P-8I विमान सौदा भारत की नौसेना को मजबूती देगा?

ये विमान समुद्री निगरानी और सुरक्षा के लिए अत्याधुनिक तकनीक से लैस हैं। इनके जुड़ने से हिंद महासागर क्षेत्र में भारत की क्षमताएं और बढ़ेंगी, जिससे रणनीतिक संतुलन बनाए रखना आसान होगा।

क्या भारत अब रूस से कम हथियार खरीद रहा है?

हां, रिपोर्टों के अनुसार भारत का झुकाव अब अमेरिका और अन्य देशों की ओर बढ़ रहा है। रूस से आयात का प्रतिशत घटकर 36% रह गया है, जबकि अमेरिका के साथ सौदों की संख्या लगातार बढ़ रही है।

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