छोटे बदलाव से नहीं बनेगी ताकत
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन(Raghuram Rajan) ने भारत की अर्थव्यवस्था को लेकर गंभीर चेतावनी दी है। उनका कहना है कि भारत को अब नई पीढ़ी के सुधारों की ज़रूरत है। छोटे-मोटे बदलावों से उस तेज़ी को हासिल नहीं किया जा सकता जो चीन(China) और अमेरिका(USA) जैसे देशों के स्तर तक पहुंचने के लिए आवश्यक है। उन्होंने खासतौर पर नौकरशाही, शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं में बड़े बदलाव की ओर इशारा किया।
नौकरशाही और शिक्षा पर उठाए सवाल
राजन(Raghuram Rajan) ने कहा कि भारत में लाल फीताशाही बहुत ज्यादा है, जो निवेश और विकास में बाधा डाल रही है। उनके अनुसार, केंद्र और राज्य सरकारों दोनों को इस बोझ को कम करने की दिशा में गंभीर प्रयास करने चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि भारत की युवा आबादी सबसे बड़ी ताकत है, बशर्ते उन्हें सही प्रशिक्षण और कौशल मिले।
उन्होंने जोर देकर कहा कि भारत को सत्य नडेला (Satya Nadella), अभिजीत बनर्जी जैसे और लोगों की ज़रूरत है। इसके लिए उच्च शिक्षा के साथ-साथ प्राथमिक शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं तक बेहतर पहुंच सुनिश्चित करनी होगी। राजन के मुताबिक, तभी भारत अपनी विशाल युवा शक्ति का लाभ उठा सकेगा।
सुधारों की गति पर चिंता
राजन(Raghuram Rajan) ने कहा कि भारत आज 4 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था है और 6.5% की दर से बढ़ रहा है। वह मानते हैं कि भारत जल्द ही जापान और जर्मनी को पीछे छोड़ सकता है, लेकिन अभी भी चीन और अमेरिका से बहुत पीछे है। उन्होंने अनुमान जताया कि भारत 2047 तक 50 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बन सकता है, मगर इसके लिए सुधारों की गति बढ़ानी होगी।
राजन ने स्पष्ट किया कि 1991 के बाद से हुए सुधार उपयोगी रहे हैं, पर अब छोटे बदलाव काफी नहीं हैं। भारत को नई पीढ़ी के सुधारों की ओर बढ़ना होगा, जिससे अतिरिक्त 2.5% विकास दर हासिल की जा सके।
निवेश और उद्यमिता पर ज़ोर
राजन(Raghuram Rajan) ने बुनियादी ढांचे पर हो रहे खर्च की सराहना की, लेकिन कहा कि निजी क्षेत्र को और ज्यादा आगे आना होगा। उनका मानना है कि केवल सरकारी निवेश से काम नहीं चलेगा, बल्कि निजी निवेश के बिना तेज़ विकास संभव नहीं है।
उन्होंने कहा कि भारत की कंपनियों को फिर से विश्व स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनने का लक्ष्य रखना चाहिए। युवा उद्यमियों में वैश्विक स्तर पर जीतने का उत्साह मौजूद है, लेकिन पुराने उद्यमियों को अपनी महत्वाकांक्षा को फिर से जगाने की आवश्यकता है।
रघुराम राजन ने किस तरह की चेतावनी दी?
उन्होंने कहा कि भारत को नई पीढ़ी के सुधारों की जरूरत है। छोटे बदलावों से चीन और अमेरिका के बराबर आर्थिक विकास संभव नहीं होगा।
भारत की युवा आबादी को राजन ने कैसे ताकत बताया?
राजन ने कहा कि अगर युवाओं को सही प्रशिक्षण और शिक्षा दी जाए, तो भारत के पास विकास के लिए आवश्यक कच्चा माल मौजूद है।
निजी क्षेत्र के निवेश पर उन्होंने क्या राय दी?
राजन का मानना है कि केवल सरकारी खर्च से विकास संभव नहीं है। निजी क्षेत्र को आगे बढ़ाना होगा और भारतीय कंपनियों को फिर से वैश्विक स्तर पर विजेता बनने की मानसिकता रखनी होगी।
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