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Breaking News: Silver: क्या सिल्वर में 1980 जैसा क्रैश आ सकता है?

Dhanarekha
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Breaking News: Silver: क्या सिल्वर में 1980 जैसा क्रैश आ सकता है?

हंट ब्रदर्स की कहानी और वर्तमान स्थिति

मुंबई: 1980 के दशक में चांदी(Silver) की कीमतों में हुई 700% से अधिक की अप्रत्याशित वृद्धि के पीछे अमेरिकी हंट ब्रदर्स (नेल्सन बंकर हंट और विलियम हर्बर हंट) का बड़ा हाथ था। 1970 के दशक में, डॉलर के कमजोर होने और हाइपरइन्फ्लेशन(Hyperinflation) की आशंका के चलते उन्होंने चांदी(Silver) में भारी निवेश करना शुरू किया। उन्होंने सिल्वर फ्यूचर्स कॉन्ट्रैक्ट्स खरीदे और कैश सेटलमेंट की जगह फिजिकल सिल्वर की डिलीवरी ली। उन्होंने दुनिया की चांदी का एक-तिहाई हिस्सा जमा कर लिया था, जिससे वे कीमतों के ‘पपेट मास्टर’ बन गए और चांदी $2 प्रति औंस से बढ़कर $50 तक पहुंच गई।

हालांकि, उनके उधार आधारित निवेश की रणनीति तब फेल हो गई जब COMEX ने ‘सिल्वर रूल 7’ लाकर मार्जिन पर कमोडिटी खरीदने पर पाबंदी लगा दी। 27 मार्च 1980 को ‘सिल्वर थर्सडे’ के दिन मार्जिन कॉल मिस करने के कारण ब्रोकरों ने उनकी होल्डिंग्स बेचना शुरू कर दिया, जिससे कीमत एक ही दिन में 50% से ज्यादा गिर गई

आज की स्थिति: सुरक्षित बाजार और मजबूत फंडामेंटल्स

वर्तमान में, चांदी(Silver) की कीमतों में तेजी के बाद ₹1.78 लाख से ₹1.52 लाख प्रति किलो तक की गिरावट आई है, जिससे 1980 के क्रैश की आशंकाएँ बढ़ गई हैं। हालांकि, जानकार मानते हैं कि इतने बड़े पैमाने पर मार्केट मैनिपुलेशन अब संभव नहीं है। 1980 के सिल्वर थर्सडे के बाद से नियामक सुरक्षा उपाय (रेगुलेटरी सेफगार्ड्स) काफी सख्त हो गए हैं, जिससे बाजार में पारदर्शिता बढ़ी है और किसी एक पार्टी के लिए बाजार को नियंत्रित करना मुश्किल है। इसके अलावा, चांदी की वैल्यू को बढ़ाने वाले फंडामेंटल्स भी बदल गए हैं। जहां पहले इसकी डिमांड सीमित थी, वहीं अब इंडस्ट्रियल डिमांड ने इसकी जगह ले ली है।

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बदलती डिमांड: सोलर पैनल और आधुनिक तकनीक

Silver

चांदी(Silver) की डिमांड अब ट्रेडिशनल फोटोग्राफी से आगे बढ़कर आधुनिक तकनीकों तक फैल गई है। इसका सबसे बड़ा उपयोग सोलर पैनल्स में फोटोवोल्टेइक सेल्स के लिए होता है, जहां यह एक महत्वपूर्ण कच्चा माल है। इलेक्ट्रॉनिक्स और इलेक्ट्रिक वाहनों (EVs) में भी इसका उपयोग तेजी से बढ़ा है। यह औद्योगिक उपयोग चांदी के मूल्य को एक ठोस आधार प्रदान करता है, जो इसे केवल अटकलों (स्पेकुलेशन) पर आधारित 1980 के बाजार से अलग बनाता है। 2011 में भी चांदी की कीमतों में बड़ी गिरावट आई थी (जब यह $50 से $26 पर लुढ़क गई थी), जो स्पेकुलेशन, रेगुलेटरी ऐक्शन और वैश्विक डर के कारण आई थी, पर 1980 जैसा मैनिपुलेटेड क्रैश नहीं था।

1980 में चांदी की कीमतों में इतना बड़ा क्रैश आने का मुख्य कारण क्या था, जिसे ‘सिल्वर थर्सडे’ कहा गया?

इसका मुख्य कारण हंट ब्रदर्स द्वारा किया गया मार्केट मैनिपुलेशन था, जिन्होंने उधार लेकर बड़ी मात्रा में चांदी जमा कर ली थी। जब COMEX ने मार्जिन खरीदने पर पाबंदी लगाई और वे मार्जिन कॉल का भुगतान नहीं कर पाए, तो ब्रोकरों ने उनकी होल्डिंग बेच दी, जिससे कीमतें गिर गईं।

आज के समय में चांदी की कीमतों को कौन सा नया कारक 1980 के मुकाबले अधिक स्थिरता प्रदान करता है?

बढ़ती औद्योगिक मांग, विशेष रूप से सोलर पैनल्स में उपयोग होने वाले फोटोवोल्टेइक सेल्स के लिए चांदी का भारी उपयोग, इसे अधिक स्थिरता प्रदान करता है। यह औद्योगिक उपयोग चांदी के मूल्य को केवल अटकलों के बजाय एक मजबूत मौलिक आधार देता है।

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