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Breaking News: Silver: चांदी बनी दुनिया की शीर्ष परिसंपत्तियों में शामिल

Dhanarekha
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Breaking News: Silver: चांदी बनी दुनिया की शीर्ष परिसंपत्तियों में शामिल

माइक्रोसॉफ्ट को पीछे छोड़ नई उपलब्धि

नई दिल्ली: चांदी(Silver) ने एक ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल करते हुए माइक्रोसॉफ्ट(Microsoft) को बाजार मूल्यांकन में पीछे छोड़ दिया है। अंतर्राष्ट्रीय बाजार में चांदी की कीमत पहली बार 63 डॉलर प्रति औंस पार कर गई, जिससे इसका कुल बाजार मूल्य 3.593 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंच गया। यह रिकॉर्ड उछाल 2025 में चांदी की अभूतपूर्व तेजी का परिणाम माना जा रहा है।

साल की शुरुआत में चांदी की कीमत लगभग 29 डॉलर प्रति औंस थी, और अब यह 115% से अधिक की बढ़ोतरी दर्ज कर चुकी है। विशेषज्ञों के अनुसार वैश्विक बाजार में चांदी एक स्थिर कमोडिटी से बदलकर उच्च मूल्य वाली प्रमुख परिसंपत्ति बन चुकी है

वैश्विक कंपनियों के मुकाबले चांदी की रफ्तार

चांदी(Silver) के इस उछाल ने उसे माइक्रोसॉफ्ट और आमेजन जैसी दिग्गज कंपनियों से आगे पहुंचा दिया। जहां माइक्रोसॉफ्ट का मूल्यांकन 3.59 ट्रिलियन डॉलर है, वहीं आमेजन करीब 2.46 ट्रिलियन डॉलर पर है। हालांकि, चांदी अभी भी अल्फाबेट के 3.8 ट्रिलियन डॉलर के मूल्यांकन से पीछे है। यह बदलाव वैश्विक बाजार के परिसंपत्ति क्रम में महत्वपूर्ण परिवर्तन दर्शाता है।

निवेशकों का रुझान चांदी जैसी सुरक्षित परिसंपत्तियों की ओर बढ़ता दिख रहा है, जिससे कमोडिटी बाजार में नई दिशा देखने को मिल रही है। लगातार बढ़ती मांग ने इसे विश्व भर में सबसे ज्यादा देखी जाने वाली संपत्तियों में शामिल कर दिया है।

कीमतों में तेजी के पीछे आर्थिक कारण

अमेरिकी सेंट्रल बैंक फेडरल रिजर्व(Federal Reserve) द्वारा दिसंबर में ब्याज दरों में कटौती की संभावनाओं ने चांदी की कीमतों को मजबूत समर्थन दिया है। ब्याज दरों में कमी से गैर-उपज वाली संपत्तियों को रखने की अवसर लागत घटती है, जिससे निवेशक ऐसे विकल्पों की ओर अधिक आकर्षित होते हैं। यही कारण है कि चांदी की खरीद में तेज़ी देखी जा रही है।

विशेषज्ञों का कहना है कि 25 बेसिस प्वाइंट की संभावित कटौती से बाजार की भावनाएं और सकारात्मक हुई हैं। आर्थिक अनिश्चितता और महंगाई के दबाव के बीच निवेशक सुरक्षित विकल्प खोज रहे हैं, जिससे सोना और चांदी दोनों की तेजी को गति मिली है।

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निवेशकों की बढ़ती दिलचस्पी और भविष्य की संभावनाएं

जिओजित इन्वेस्टमेंट्स के कमोडिटी रिसर्च प्रमुख हरेश वी का मानना है कि कम ब्याज दरें और बढ़ती महंगाई चांदी की मांग को और बढ़ा सकती हैं। बुलियन बाजार पहले से ही रिकॉर्ड ऊंचाई पर है, जिसके चलते चांदी में निवेश प्रवाह तेज़ी से बढ़ रहा है। बाजार विशेषज्ञों के मुताबिक आने वाले महीनों में भी चांदी की गतिविधि मजबूत बनी रह सकती है।

वैश्विक अस्थिरता और आर्थिक उतार–चढ़ाव निवेशकों को सुरक्षित और स्थिर संपत्तियों की ओर ले जा रहे हैं। ऐसे में चांदी का बढ़ता प्रभाव भविष्य में बाजार की दिशा तय करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।

चांदी की कीमतों में इतनी बड़ी बढ़त कैसे आई?

कम ब्याज दरों की उम्मीद, बढ़ती महंगाई, सुरक्षित निवेश की मांग और वर्ष 2025 में रिकॉर्ड स्तर पर बाजार भाव—इन सभी कारणों ने चांदी की कीमतों को ऐतिहासिक ऊंचाई पर पहुंचाया। निवेशकों ने इसे स्थिर और लाभकारी विकल्प मानकर भारी मात्रा में खरीदा है।

क्या चांदी आगे भी उच्च मूल्य बनाए रख सकती है?

विशेषज्ञों का मानना है कि अगर फेडरल रिजर्व ब्याज दरों में कटौती करता है और वैश्विक आर्थिक अनिश्चितता जारी रहती है, तो चांदी की मांग मजबूत बनी रह सकती है। हालांकि बाज़ार में अस्थिरता के बावजूद इसकी सुरक्षित संपत्ति वाली पहचान इसे आगे भी स्थिर समर्थन देती रहेगी।

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