मंगलवार, 30 सितंबर को शेयर बाजार (Share Bazar) में उतार-चढ़ाव देखने को मिल रहा है। सेंसेक्स अभी अपने ऊपरी स्तर से 350 अंक गिरकर 80,300 के आस-पास कारोबार कर रहा है। वहीं निफ्टी भी डे हाई से 100 अंक की गिरावट के साथ 24,600 के स्तर पर आ गया है।
सेंसेक्स (sensex) के 30 शेयरों में से 16 शेयर्स में तेजी और 14 शेयर्स में गिरावट है। सुबह बाजार खुलने के बाद सेंसेक्स 300 अंक की तेजी के साथ 80,650 के स्तर पर पहुंच गया था। वहीं निफ्टी भी करीब 100 अंक चढ़ा था, ये 24,750 के स्तर पर पहुंच गया था।
NSE के PSU बैंक सेक्टर में 1% से ज्यादा की तेजी
NSE के PSU बैंक सेक्टर में 1% से ज्यादा की तेजी देखने को मिल रही है। इसके अलावा मेटल, IT, फार्मा, प्राइवेट बैंक और ऑयल एंड गैस सेक्टर में भी तेजी है। वहीं मीडिया सेक्टर में 1% से ज्यादा की गिरावट है। ऑटो, फाइनेंशियल सर्विसेज, रियल्टी, कंज्यूमर ड्यूरेबल्स और FMCG सेक्टर में भी गिरावट है।
- एशियाई बाजारों में जापान का निक्केई 0.045% गिरकर 45,023 पर और कोरिया का कोस्पी 0.14% चढ़कर 3,436 पर कारोबार कर रहा है।
- हॉन्गकॉन्ग का हैंगसेंग इंडेक्स 0.027% गिरकर 26,615.76 पर और चीन का शंघाई कंपोजिट 0.42% चढ़कर 3,878 पर कारोबार कर रहा है।
- 29 सितंबर को अमेरिका का डाउ जोन्स 0.15% चढ़कर 46,316 पर बंद हुआ था। नैस्डेक कंपोजिट में 0.48% और S&P 500 में 0.26% की तेजी रही थी।
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- 29 सितंबर को विदेशी निवेशकों (FIIs) ने कैश सेगमेंट में 2,805.34 करोड़ के शेयर बेचे। घरेलू निवेशकों (DIIs) ने 3,690.06 करोड़ रुपए की नेट खरीदारी की।
घरेलू निवेशकों ने इस दौरान ₹59,181 करोड़ की नेट खरीदारी की है
- इस महीने अब तक विदेशी निवेशकों ने ₹32,823 करोड़ के शेयर्स बेचे हैं। वहीं घरेलू निवेशकों ने इस दौरान ₹59,181 करोड़ की नेट खरीदारी की है।
- अगस्त महीने में विदेशी निवेशकों ने ₹46,902.92 करोड़ के शेयर्स बेचे हैं। वहीं घरेलू निवेशकों ने इस दौरान 94,828.55 करोड़ रुपए की नेट खरीदारी किए।
शेयर मार्केट में उतार-चढ़ाव कैसे होता है?
जब स्टॉक की मांग सप्लाई से अधिक हो जाती है, तो उसकी कीमत बढ़ती जाती है; जब सप्लाई मांग से अधिक हो जाती है, तो कीमत कम हो जाती है. कंपनी की आय, आर्थिक डेटा और निवेशक की भावना जैसे कारक सप्लाई और डिमांड डायनेमिक्स को प्रभावित करते हैं, जिससे मार्केट के उतार-चढ़ाव.
शेयर बाजार में उतार-चढ़ाव कैसे होता है?
शेयर बाज़ार में आपूर्ति और माँग, आर्थिक स्थितियों, निवेशकों की धारणा, कॉर्पोरेट प्रदर्शन और राजनीतिक घटनाओं या संकटों जैसे बाहरी कारकों के गतिशील अंतर्संबंध के कारण उतार-चढ़ाव होता रहता है। कीमतों का निरंतर समायोजन बदलती परिस्थितियों के प्रति बाज़ार की प्रतिक्रिया को दर्शाता है।
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