टाटा ट्रस्ट्स में वोटिंग से दूर रहे जिमी
नई दिल्ली: टाटा ट्रस्ट्स(Tata Trusts) में हाल ही में हुई एक अहम वोटिंग के दौरान रतन टाटा(Ratan Tata) के छोटे भाई जिमी नवल टाटा ने खुद को अलग रखा। 85 वर्षीय जिमी, सर रतन टाटा ट्रस्ट के ट्रस्टी हैं। यह वोटिंग मेहली मिस्त्री(Mehli Mistry) को आजीवन ट्रस्टी के रूप में पुनर्नियुक्त करने के लिए हुई थी। जिमी टाटा की इस चुप्पी को कॉर्पोरेट जगत में बेहद अहम माना जा रहा है। वह हमेशा सुर्खियों से दूर रहते हैं और उन्हें आखिरी बार अक्टूबर 2024 में मुंबई(Mumbai) में रतन टाटा के अंतिम संस्कार में देखा गया था।
टाटा ट्रस्ट्स में सर्वसम्मति का महत्व
SRTT में किसी प्रस्ताव को पारित करने के लिए सभी ट्रस्टियों की सहमति आवश्यक होती है। ऐसे में जिमी टाटा का मतदान से दूर रहना एक महत्वपूर्ण संकेत है। एक ट्रस्टी के रूप में उनका फैसला ट्रस्ट के बड़े निर्णयों को प्रभावित कर सकता है। SRTT में यदि एक भी ट्रस्टी असहमति जताए तो प्रस्ताव रद्द हो जाता है, जबकि सर दोराबजी टाटा ट्रस्ट में बहुमत के आधार पर निर्णय लिए जाते हैं।
कॉर्पोरेट दुनिया से दूरी बनाए रखी
जब जिमी टाटा से इन घटनाओं पर प्रतिक्रिया मांगी गई तो उन्होंने कहा, “मैं इस पर कोई टिप्पणी नहीं करना चाहूंगा।” रिपोर्ट्स के अनुसार, वह 17 अक्टूबर 2024 को हुई महत्वपूर्ण बैठक में शामिल नहीं हुए थे। इस बैठक में ट्रस्टी की आजीवन नियुक्ति पर चर्चा हुई थी। जिमी वर्तमान में पुणे में रहते हैं और टाटा ग्रुप(Tata Group) के अंदरूनी मामलों से वाकिफ हैं, लेकिन प्रत्यक्ष भागीदारी से हमेशा दूर रहे हैं।
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रतन टाटा की वसीयत में मिला खास हिस्सा
रतन टाटा की वसीयत के अनुसार, उनकी जुहू स्थित संपत्ति का हिस्सा, गहने और चांदी की वस्तुएं जिमी को मिलीं। जिमी टाटा संस के 3,262 शेयरों के भी मालिक हैं, जिनकी कीमत करोड़ों रुपये है। यह ट्रस्टीशिप उन्हें उनके पिता नवल टाटा की वसीयत से प्राप्त हुई थी। 2016 में उन्होंने बताया था कि उन्होंने अपने पिता के साथ टाटा ग्रुप के टेक्सटाइल व्यवसाय से करियर शुरू किया था, लेकिन चुनौतियों के चलते उन्होंने इस क्षेत्र से दूरी बना ली।
जिमी टाटा कॉर्पोरेट फैसलों में क्यों शामिल नहीं होते?
जिमी टाटा ने हमेशा निजी जीवन को प्राथमिकता दी है। वह मीडिया और सार्वजनिक मंचों से दूर रहकर पारिवारिक मामलों तक सीमित रहना पसंद करते हैं, इसलिए कॉर्पोरेट फैसलों में उनकी भूमिका सीमित रहती है।
क्या जिमी टाटा का वोट टाटा ट्रस्ट्स को प्रभावित कर सकता है?
हाँ, क्योंकि SRTT में सभी ट्रस्टियों की सहमति आवश्यक है। ऐसे में जिमी का वोट न देना या विरोध करना किसी भी प्रस्ताव को रोक सकता है, जिससे ट्रस्ट के निर्णयों पर बड़ा असर पड़ता है।
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