सेंसेक्स 345 अंक फिसला, निफ्टी में 100 अंकों की गिरावट
- कारोबारी हफ्ते के अंतिम दिन शेयर बाजार में भारी बिकवाली देखी गई।
- सेंसेक्स 345 अंक टूटकर 84,212 के स्तर पर बंद हुआ।
- वहीं निफ्टी भी 100 अंकों की गिरावट के साथ नीचे फिसल गया।
शेयर बाजार हफ्ते के आखिरी कारोबारी दिन शुक्रवार, 24 अक्टूबर को सेंसेक्स (sensex) 345 अंक गिरकर 84,212 पर बंद हुआ। निफ्टी में 97 अंक की गिरावट रही, ये 25,795 पर बंद हुआ।
सेंसेक्स के 30 में से 20 शेयरों में गिरावट रही। हिंदुस्तान यूनिलीवर, अल्ट्राटेक, अडाणी पोर्ट्स के शेयरों में 3.5% तक की गिरावट रही।
निफ्टी के 50 शेयरों में 34 गिरे। (NSE के FMCG), बैंकिंग, फार्मा और हेल्थकेयर सेक्टर सबसे ज्यादा गिरे। मेटल और रियल्टी शेयरों में तेजी रही।
एशियाई बाजारों में आज तेजी
- एशियाई बाजारों में कोरिया का कोस्पी 2.50% ऊपर 3,942 पर और जापान का निक्केई 1.35% ऊपर 49,300 पर बंद हुआ।
- हॉन्गकॉन्ग का हैंगसेंग इंडेक्स 0.74% ऊपर 26,160 पर और चीन का शंघाई कंपोजिट 0.71% चढ़कर 3,950 पर बंद हुआ।
- 23 अक्टूबर को अमेरिका का डाउ जोन्स 0.31% ऊपर 46,734 पर बंद हुआ। नैस्डेक कंपोजिट में 0.89% और S&P 500 में 0.58% तेजी रही थी।
23 अक्टूबर को DIIs ने 3,894 करोड़ के शेयर्स खरीदे
- 23 अक्टूबर को विदेशी निवेशकों (FIIs) ने कैश सेगमेंट में 1,165.94 करोड़ के शेयर बेचे। वहीं, घरेलू निवेशकों (DIIs) ने 3,893.73 करोड़ रुपए की नेट खरीदारी की।
- अक्टूबर महीने में विदेशी निवेशकों ने अब तक ₹865.53 करोड़ के शेयर्स बेचे हैं। वहीं, घरेलू निवेशकों ने इस दौरान ₹33,816.63 करोड़ की नेट खरीदारी की है।
- सितंबर महीने में विदेशी निवेशकों ने ₹35,301.36 करोड़ के शेयर्स बेचे हैं। वहीं घरेलू निवेशकों ने इस दौरान ₹65,343.59 करोड़ की नेट खरीदारी की थी।
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आज शेयर बाजार में गिरावट का क्या कारण है?
आर्थिक कारकों— ब्याज दरों में बदलाव, अर्थव्यवस्था में गिरावट, मुद्रास्फीति, अपस्फीति, कर बढ़ जाती है, वित्तीय और राजनीतिक झटके, आर्थिक नीति में बदलाव, भारतीय रुपए का मूल्य बदलना, कुछ ऐसे कारक हैं जो शेयर बाजार में गिरावट का कारण बन सकते हैं। इन स्थितियों को हमेशा एक संभावना है और निवेशकों के नियंत्रण से परे हैं।
2025 में शेयर बाजार के लिए क्या भविष्यवाणी है?
शेयर बाजार ने संभवतः वर्ष के लिए ऊपरी और निचली सीमाएं पहले ही निर्धारित कर दी हैं – जिससे यह 2025 के शेष समय के लिए एक व्यापारिक सीमा में रहेगा। विश्लेषकों को 2025 के लिए सकारात्मक आय वृद्धि की उम्मीद है।लेकिन ब्याज दर की गतिशीलता के कारण स्टॉक मूल्यांकन पर नीचे की ओर दबाव से इसकी भरपाई हो सकती है।
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