China Rare Earth Ban: 4 अप्रैल 2025 को चीन ने 35 रेयर अर्थ खनिजों के आयात से जुड़ी स्वीकृति पर रोक लगा दी। इन मैग्नेट्स की सप्लाई पर प्रतिबंध से ग्लोबल टेक और ऑटो इंडस्ट्री में खलबली मच गई है। चीन ने अपने यहां से 6 प्रधान रेयर अर्थ मैग्नेट्स का निर्यात पूरी तरह बंद कर दिया है।
भारत की ऑटो और ईवी इंडस्ट्री सबसे ज्यादा प्रभावित
भारत की ऑटो और इलेक्ट्रिक व्हीकल इंडस्ट्री इन खनिजों पर काफी हद तक चीन पर निर्भर है। इन असामान्य खनिजों के बगैर वाहन कंपनियों के लिए प्रोडक्शन जारी रखना कठिन हो गया है। कंपनियों जैसे कॉन्टिनेंटल, बॉश इंडिया आदि चीन से ही इन खनिजों का आयात करती हैं।

क्यों जरूरी हैं रेयर अर्थ मैग्नेट्स?
China Rare Earth Ban: रेयर अर्थ का उपयोग बैटरियों, हथियारों, इलेक्ट्रॉनिक्स और क्लीनटेक उपकरणों में होता है। दुनिया के 90% रेयर अर्थ मैग्नेट्स का उत्पादन अकेले चीन करता है। चीन ने इन खनिजों को स्ट्रैटेजिक इंडस्ट्री का दर्जा दिया है।
भारत क्या कर रहा है?
इस संकट को देखते हुए भारत सरकार अब घरेलू स्तर पर रेयर अर्थ माइनिंग बढ़ाने की दिशा में काम कर रही है। केन्द्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने जर्मनी में कहा कि भारत वैकल्पिक स्रोतों की खोज में जुटा है और खनन नीति में परिवर्तन किए जा रहे हैं।
निचोड़
चीन के इस कदम ने एक बार फिर दुनिया को यह दिखाया है कि तकनीकी और ऑटो इंडस्ट्री में वह कितना रणनीतिक रूप से प्रभावी है। भारत को आत्मनिर्भर बनने के लिए रेयर अर्थ सेक्टर में तेजी से निवेश और विकास की आवश्यकता है।
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