मेरठ, 17 सितंबर 2025: मेरठ में जगद्गुरु स्वामी रामभद्राचार्य की रामकथा (Ram Katha) आयोजन ने न केवल धार्मिक उत्साह जगाया, बल्कि एक बड़ा वित्तीय विवाद भी खड़ा कर दिया है। गाजियाबाद (Ghazibad) के टेंट व्यवसायी अनुज अग्रवाल ने आयोजकों पर 42 लाख रुपये के बकाया भुगतान न करने का आरोप लगाया है।
अनुज के अनुसार, रामकथा के लिए टेंट और पंडाल व्यवस्था का पूरा सौदा 87 लाख रुपये में तय हुआ था, लेकिन उन्हें अब तक केवल 45 लाख रुपये ही मिले हैं। यह विवाद उस आयोजन से जुड़ा है, जो पहले स्वामी रामभद्राचार्य के विवादित बयानों – जैसे पश्चिमी उत्तर प्रदेश को ‘मिनी पाकिस्तान’ कहना – के कारण चर्चा में था। अब आर्थिक अनियमितताओं ने इसे नया मोड़ दे दिया है।
घटना का पूरा विवरण
अनुज अग्रवाल, जो AB इमिग्रेशन एक्टिविटी के मालिक हैं, ने बताया कि रामकथा आयोजन के लिए टेंटिंग और पंडाल का काम उन्हें सौंपा गया था। शुरुआत में कोटेशन 1.21 करोड़ रुपये का था, लेकिन बातचीत के बाद इसे 87 लाख रुपये पर फाइनल किया गया। आयोजकों ने 4 सितंबर को पहली किस्त के रूप में 20 लाख रुपये का भुगतान किया और बाकी राशि की अग्रिम किस्तों का वादा किया। कुल मिलाकर, अनुज को 45 लाख रुपये ही प्राप्त हुए, जबकि 42 लाख रुपये बकाया हैं।
अनुज ने आरोप लगाया कि आयोजन समाप्त होने के बाद आयोजक संपर्क करने पर गायब हो गए। उन्होंने दिव्या शक्ति ट्रस्ट से जुड़े सुनील शुक्ला और संतोष शुक्ला जैसे लोगों का नाम लिया, जिनके फोन पर कोई जवाब नहीं आता। जब अनुज ने उनसे मिलने की कोशिश की, तो उन्हें कथित तौर पर दर्शन नहीं दिए गए। अनुज ने कहा, “आयोजकों ने अभी तक उन्हें बकाया 42 लाख रुपयों का भुगतान नहीं किया है।
टेंट का पूरा सौदा 87 लाख रुपए में हुआ था, मगर अभी तक उन्हें 45 लाख ही मिले हैं।” इसके अलावा, अनुज ने मेरठ के स्थानीय वेंडर्स से भी सामग्री ली थी, जिन्हें अब भुगतान नहीं कर पा रहे। उनकी सामग्री अभी मेरठ में ही अटकी हुई है, जिससे उनका कारोबार प्रभावित हो रहा है। अनुज ने कहा, “इस आयोजन के लिए उन्हें मेरठ के स्थानीय वेंडरों से भी कुछ सामान लिया था। अब वह उन्हें भी भुगतान नहीं करवा पा रहे हैं।
आयोजन की पृष्ठभूमि और विवाद
रामकथा आयोजन भव्य था, जिसमें हजारों श्रद्धालु शामिल हुए। स्वामी रामभद्राचार्य ने रामचरितमानस पर आधारित प्रवचन दिए, लेकिन आयोजन के दौरान उनके कुछ बयानों ने राजनीतिक विवाद खड़ा कर दिया था। लोगों का मानना है कि ऐसे बड़े धार्मिक आयोजनों में वित्तीय अनियमितताएं आम हैं, लेकिन इस मामले में ठगी का आरोप गंभीर है। अनुज ने प्रशासन से अपील की है कि बकाया राशि वसूलने में मदद की जाए।
वित्तीय विवरण: एक नजर में
विवरण | राशि (रुपये में) |
---|---|
शुरुआती कोटेशन | 1.21 करोड़ |
फाइनल सौदा | 87 लाख |
प्राप्त भुगतान | 45 लाख (पहली किस्त: 20 लाख, 4 सितंबर को) |
बकाया राशि | 42 लाख |
पुलिस और प्रशासन की कार्रवाई
अभी तक पुलिस या प्रशासन की ओर से कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है। अनुज की शिकायत पर कोई FIR दर्ज होने की जानकारी नहीं है, लेकिन स्थानीय स्तर पर जांच शुरू होने की संभावना है। मेरठ पुलिस ने कहा कि यदि शिकायत दर्ज होती है, तो तुरंत कार्रवाई की जाएगी। आयोजकों की ओर से भी कोई बयान नहीं आया है।
यह मामला न केवल अनुज के लिए नुकसानदेह है, बल्कि मेरठ के स्थानीय वेंडर्स के लिए भी। ऐसे आयोजनों में काम करने वाले छोटे कारोबारियों को अक्सर भुगतान की समस्या का सामना करना पड़ता है। विशेषज्ञ सलाह देते हैं कि बड़े आयोजनों के लिए लिखित अनुबंध और अग्रिम भुगतान सुनिश्चित करें। अनुज का केस यूपी के व्यापारियों के लिए सबक हो सकता है, जहां धार्मिक आयोजनों के नाम पर ठगी के मामले बढ़ रहे हैं।अनुज ने अंत में कहा, “मैं केवल अपना हक चाहता हूं। प्रशासन से गुजारिश है कि न्याय करें।”
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