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Politics : रामचंदर राव की मांग, पोन्नम प्रभाकर या महेश कुमार गौड़ को सीएम बनाएं

Kshama Singh
Kshama Singh
Politics : रामचंदर राव की मांग, पोन्नम प्रभाकर या महेश कुमार गौड़ को सीएम बनाएं

दत्तात्रेय को पदोन्नत करने का प्रस्ताव तेलुगू समुदाय के लिए गर्व की बात

हैदराबाद। पूर्व राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय (Bandaru Dattatreya) को उपाध्यक्ष नियुक्त करने के मुख्यमंत्री ए रेवंत रेड्डी के सुझाव का स्वागत करते हुए भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष एन रामचंदर राव (N Ramachander Rao) ने कहा कि कांग्रेस को भी पिछड़ा वर्ग कल्याण मंत्री पोन्नम प्रभाकर या टीपीसीसी अध्यक्ष महेश कुमार गौड़ को मुख्यमंत्री नियुक्त करना चाहिए। यहां मीडियाकर्मियों से अनौपचारिक बातचीत में रामचंदर राव ने कहा कि रेवंत रेड्डी द्वारा दत्तात्रेय को पदोन्नत करने का प्रस्ताव तेलुगू समुदाय के लिए गर्व की बात होगी। उन्होंने कहा कि कांग्रेस को पिछड़ी जातियों के आत्म-सम्मान को बढ़ावा देने के लिए पोन्नम प्रभाकर या महेश कुमार गौड़ को तेलंगाना का मुख्यमंत्री बनाना चाहिए

पिछड़ा वर्ग समुदाय भाजपा का मजबूती से समर्थन कर रहा

उन्होंने दावा किया कि पिछड़ा वर्ग समुदाय भाजपा का मजबूती से समर्थन कर रहा है और पिछड़ा वर्ग आरक्षण पर अध्यादेश जारी करने के कांग्रेस सरकार के फैसले ने उसकी अवसरवादी राजनीति को उजागर कर दिया है। उन्होंने कहा, ‘मुख्यमंत्री पर अब भरोसा नहीं किया जा सकता।’ भाजपा नेता ने यह भी स्पष्ट किया कि तेलंगाना की जनता नहीं चाहती कि भगवा पार्टी अगले चुनावों में गठबंधन करे। उन्होंने कथित तौर पर कहा, ‘भाजपा अकेले लड़ेगी। तेलुगु देशम पार्टी के साथ कोई गठबंधन नहीं होगा।’ उन्होंने आगे कहा कि वह आगामी चुनाव नहीं लड़ेंगे और राज्य में पार्टी को मज़बूत करने पर ध्यान केंद्रित करेंगे। रामचंदर राव ने भी हाइड्रा की कड़ी आलोचना करते हुए उसे एक असफल संगठन करार दिया। उन्होंने कहा, ‘जैसे हाइड्रा ने गरीबों के घर गिराए, वैसे ही राज्य में कांग्रेस भी ध्वस्त हो जाएगी।’

रामचंदर

क्या रेड्डी कुर्मी हैं?

भारतीय सामाजिक संरचना में रेड्डी और कुर्मी दो अलग-अलग जातीय समूह माने जाते हैं। रेड्डी मुख्य रूप से आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में पाई जाती है, जबकि कुर्मी उत्तर भारत में एक प्रमुख कृषक समुदाय है। दोनों की सामाजिक, सांस्कृतिक और भौगोलिक पहचान एक-दूसरे से भिन्न होती है।

रेड्डी के कुर्मी हैं?

दोनों जातियों की उत्पत्ति, परंपराएं और सामाजिक स्थिति अलग-अलग हैं। रेड्डी समुदाय को दक्षिण भारत में प्रभावशाली राजनीतिक और सामाजिक पहचान मिली है, जबकि कुर्मी समुदाय खेती-किसानी से जुड़ा उत्तर भारतीय समूह है। इसलिए रेड्डी को कुर्मी जाति का हिस्सा नहीं माना जाता है।

रेड्डी कौन सी जाति है?

दक्षिण भारत, विशेषकर आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में प्रमुख रेड्डी जाति को सामान्यतः क्षत्रिय या कृषक योद्धा वर्ग के रूप में देखा जाता है। यह समुदाय ऐतिहासिक रूप से भूमि स्वामित्व, प्रशासनिक शक्ति और राजनीतिक नेतृत्व में सक्रिय रहा है। समाज में इसे उच्च सामाजिक दर्जा प्राप्त है।

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