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Breaking News: Diwali: दीपावली पर महालक्ष्मी और अलक्ष्मी की कथा

Dhanarekha
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Breaking News: Diwali: दीपावली पर महालक्ष्मी और अलक्ष्मी की कथा

घर से दरिद्रता दूर करने के लिए करें ये उपाय

सोमवार, 20 अक्टूबर को दीपावली(Diwali) है, और इस दिन धन, वैभव और समृद्धि की देवी महालक्ष्मी की विशेष पूजा की जाती है। मान्यता है कि समुद्र मंथन के समय, देवी लक्ष्मी(Goddess Lakshmi) से पहले उनकी बड़ी बहन अलक्ष्मी प्रकट हुई थीं, जिन्हें दरिद्रता (गरीबी) और दुर्भाग्य की देवी माना जाता है। इसीलिए दीपावली की रात महालक्ष्मी के स्वागत के लिए घर को रोशनी से सजाया जाता है और एक खास परंपरा के तहत अलक्ष्मी के लिए भी एक दीपक घर के दरवाजे के बाहर जलाया जाता है। यह दीपक दरिद्रता और दुर्भाग्य को घर से दूर रखने का प्रतीक है, ताकि अलक्ष्मी घर में प्रवेश न करें और देवी लक्ष्मी का स्थायी वास हो

अलक्ष्मी का प्राकट्य और उनके प्रवेश के नियम

पौराणिक कथाओं के अनुसार, समुद्र मंथन से प्रकट होने के बाद अलक्ष्मी ने असुरी शक्तियों को अपनाया। जब उनका विवाह उद्दालक मुनि से हुआ और मुनि उन्हें अपने आश्रम ले गए, तो अलक्ष्मी ने अंदर जाने से मना कर दिया। उन्होंने बताया कि वह केवल गंदे, झगड़ालू(Quarrelsome) और अधार्मिक घरों में ही प्रवेश करती हैं। जिन घरों में साफ़-सफाई रहती है, लोग सुबह जल्दी उठकर पूजा-पाठ करते हैं, और सकारात्मक जीवनशैली अपनाते हैं, वहाँ अलक्ष्मी कभी प्रवेश नहीं कर पातीं। ऐसे घरों में स्वाभाविक रूप से देवी महालक्ष्मी का वास होता है, जो धन और सौभाग्य लाती हैं।

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महालक्ष्मी की कृपा और दरिद्रता दूर करने के उपाय

Diwali

दीपावली(Diwali) पर केवल पूजा-पाठ करना ही काफी नहीं है, बल्कि सकारात्मक जीवनशैली अपनाना भी आवश्यक है। लक्ष्मी की कृपा पाने के लिए घर की पूर्ण साफ-सफाई रखें, समय पर उठें, नियमित पूजा करें और अच्छे वस्त्र पहनें। इसके विपरीत, आलस, अधर्म, गंदगी और घर में होने वाला झगड़ा अलक्ष्मी को आकर्षित करते हैं, जिससे घर में दरिद्रता और आर्थिक परेशानियाँ आती हैं। मान्यताओं के अनुसार, अलक्ष्मी समुद्र से उत्पन्न वारुणी (मदिरा) का ही एक रूप थीं। यदि किसी व्यक्ति को पूजा के बाद भी लगातार आर्थिक नुकसान हो रहा है, तो शास्त्रों के अनुसार, उसे अपनी जीवनशैली में सुधार करना और धर्म-कर्म को बढ़ाना चाहिए, तभी धन हानि से बचा जा सकता है।

दीपावली की रात अलक्ष्मी के नाम का दीपक कहाँ और क्यों जलाया जाता है?

अलक्ष्मी (जो दरिद्रता की देवी हैं) के नाम का दीपक घर के दरवाजे के ठीक बाहर जलाया जाता है। ऐसा करने का कारण यह है कि यह दीपक दरिद्रता को घर के अंदर प्रवेश करने से रोकता है, और महालक्ष्मी के स्वागत के लिए घर का रास्ता साफ़ करता है।

अलक्ष्मी किन घरों में प्रवेश करती हैं और किन घरों से दूर रहती हैं?

उन घरों में प्रवेश करती हैं अलक्ष्मी जहाँ गंदगी, झगड़ा, आलस और अधार्मिकता होती है। इसके विपरीत, वह उन घरों से दूर रहती हैं जहाँ साफ-सफाई, सकारात्मकता, समय पर पूजा-पाठ और धर्म-कर्म होता है, ऐसे घरों में महालक्ष्मी का वास होता है।

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