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Salasar Balaji : ये हैं दाढ़ी और मूंछ वाले हनुमान जी का एकमात्र मंदिर

Surekha Bhosle
Surekha Bhosle

सीकर और चुरू जिले की अंतिम सीमा पर स्थित सालासर धाम में बालाजी का एक चमत्कारी मंदिर मौजूद है. यह राजस्थान के प्रमुख मंदिरों में से एक है. यहां पर बालाजी महाराज के दर्शन करने के लिए दूर-दराज से श्रद्धालु आते हैं।

इस मंदिर की एक खास बात यह है कि यह विश्व का ऐसा एकमात्र ऐसा मंदिर है. जहां भगवान हनुमान की दाढ़ी और मूंछ के रूप में पूजा होती है. बालाजी महाराज के इस मंदिर को लेकर अनेकों मान्यताएं हैं।

हनुमान जन्मोत्सव के यहां पर विशेष मेले का आयोजन होता है जिसमें देश-विदेश से श्रद्धालु पहुंचते हैं. भक्तों में मान्यता है कि विश्व प्रसिद्ध खाटूश्याम जी के दर्शन करने के बाद अगर कोई भक्त सालासर धाम में स्थित बालाजी महाराज के दर्शन करता है तो उसकी मनोकामना जरूर पूरी होती है।

भक्त को दर्शन देकर मंदिर बनाने का दिया था आदेश

सालासर धाम मंदिर प्रबंधक अजय पुजारी ने बताया कि इस मंदिर की स्थापना 18वीं शताब्दी में मोहनदासजी महाराज ने की थी. परम भक्त मोहनदासजी को स्वप्न में बालाजी महाराज ने दर्शन देकर इस स्थान पर मंदिर बनाने का आदेश दिया था।

जिसके बाद वर्तमान में स्थित दाढ़ी और मूंछ वाली मूर्ति भूमि से स्वतः प्रकट हुई थी. बालाजी के आदेशानुसार फिर मोहनदासजी ने सालासर गांव में मंदिर की स्थापना की, जो आज देशभर में प्रसिद्ध है।

भक्तों के कष्ट होते हैं दूर 

भक्तों की मान्यताओं के अनुसार इस मंदिर में भूत-प्रेत बाधा और काला जादू से पीड़ित लोगों को मुक्ति मिलती है. ऐसा माना जाता है कि बालाजी महाराज अपने भक्तों की सभी समस्याओं का निवारण करते हैं. इस मंदिर में प्रतिदिन हजारों भक्त दर्शन के लिए आते हैं।

विशेषकर मंगलवार और शनिवार के दिन यहा भारी भीड़ होती है. इस मंदिर की ख्याति दूर-दूर तक फैली हुई है और इसे राजस्थान के सबसे पवित्र तीर्थस्थलों में से एक माना जाता है. भक्तों का मानना है कि यहां सच्चे मन से की गई प्रार्थना अवश्य पूरी होती है, जिसके कारण यह मंदिर अन्य हनुमान मंदिरों से विशेष माना जाता है।

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