Ayodhya : सिद्धपीठ हनुमानगढ़ी में एक नई परम्परा की हुई शुरूआत

हनुमानगढ़ी

हनुमानगढ़ी समेत सैकड़ों जगहों पर निकाला गया ऐतिहासिक शाही जुलूस

उत्तर प्रदेश के अयोध्या धाम में बजरंगबली की शीर्ष पीठ हनुमानगढ़ी मंदिर के वर्तमान गद्दीनशीन श्रीमहंत प्रेमदास महाराज ने बुधवार अक्षय तृतीया पर रामलला का दर्शन कर एक नया कीर्तिमान स्थापित किया। ऐसा कर उन्होंने सिद्धपीठ हनुमानगढ़ी में एक नई परंपरा की शुरूआत की। वह हनुमानगढ़ी के पहले ऐसे गद्दीनशीन हुए। जिन्होंने हनुमानगढ़ी के 52 बीघा परिधि से बाहर जाकर रामलला का दर्शन-पूजन किया, क्योंकि हनुमानगढ़ी का गद्दीनशीन आजीवन 52 बीघा की परिधि में रहता है। वह इससे बाहर नहीं जाता है। सिर्फ विशेष परिस्थितियों में वह बाहर जा सकता है। रामलला का दर्शन कर गद्दीनशीन बहुत ही भावुक हो गए। उन्होंने भाव-विभोर होते हुए कहा कि यह मेरे लिए ऐतिहासिक पल है और कभी न भूलने वाला।

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हनुमानगढ़ी से निकला ऐतिहासिक शाही जुलूस

इसके पहले सुबह लगभग आठ बजे हनुमानगढ़ी निकास द्वार से हनुमानजी के निशान और गाजे-बाजे, हाथी-घोड़े, ऊंट संग सरयू तट के लिए ऐतिहासिक शाही जुलूस निकला। शोभायात्रा में गद्दीनशीन श्रीमहंत प्रेमदास महाराज रथ पर सवार रहे जिसमें सबसे आगे हनुमानजी का निशान रहा। यह शाही जुलूस हरिद्वारी बाजार, श्रृंगारहाट, शास्त्रीनगर, तुलसी उद्यान, लता मंगेसकर चौक होते हुए सरयू तट के संत तुलसीदास कच्चा घाट पहुंचा। जहां सबसे पहले वैदिक आचार्यों द्वारा वेदमंत्रों से सरयू मैया का अभिषेक-पूजन व भोग लगाकर आरती किया गया। उसके बाद हनुमानजी के निशान को स्नान कराया और पूजन-अर्चन किया।

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हनुमानगढ़ी के गद्दीनशीन श्रीमहंत प्रेमदास महाराज ने किया सरयू स्नान

तदुपरांत गद्दीनशीन श्रीमहंत प्रेमदास महाराज ने सरयू स्नान किया। फिर सरयू मैया और हनुमान जी के निशान का पूजन किया। उसके बाद वह रथारूढ़ हुए और शाही जुलूस में शामिल हो गए। शाही जुलूस में सबसे आगे हनुमानजी का निशान था। उसके पीछे गाजे-बाजे, हाथी-घोड़ा, ऊंट रहे। बीच में खिलाड़ी थे जो अपना करतब दिखा रहे थे। रथ पर गद्दीनशीन महाराज विराजमान रहे। जिनके रथ के आगे और पीछे संत-महंत, हनुमानगढ़ी के नागातीत, अयोध्यावासी, व्यापारी, श्रद्धालुगण थे। रास्ते में सैंकड़ो जगहों पर ऐतिहासिक शाही जुलूस पर पुष्पवर्षा की गई।

यह शोभायात्रा सरयू तट से नयाधाट, तुलसी उद्यान पहुंचा। जहां महापौर गिरीशपति त्रिपाठी ने शाही जुलूस परपुष्प वर्षा कर स्वागत किया। फिर शोभायात्रा छोटी देवकाली मंदिर के सामने पहुंची। वहां पूर्व सांसद लल्लू सिंह ने शाही जुलूस का स्वागत किया और पुष्प वर्षा की। शाही जुलूस पुराना डाकखाना तिराहा, हनुमानगढ़ी चौराहा होते हुए हुए क्षीरेश्वरनाथ मंदिर के सामने पहुंचा। वहां बाबरी मस्जिद के मुद्दई रहे इकबाल अंसारी ने तीर्थ पुरोहित समाज संग शाही जुलूस का पुष्पवर्षा करते हुए स्वागत किया।

हनुमानगढ़ी

प्रमुख संत महंतों ने किया राम लला का दर्शन

गद्दीनशीन का शाही जुलूस श्रीराम जन्मभूमि गेट पर नंबर 3 पर पहुंचा जहां से गद्दीनशीन समेत हनुमानगढ़ी के प्रमुख संत-महंतों को रामलला का दर्शन करने हेतु प्रवेश दिया गया। गद्दीनशीन महाराज ने रामलला के गर्भगृह में पहुंचकर उनका दर्शन-पूजन, आरती किया। हनुमान चालीसा व रामरक्षा स्तोत्र का पाठ सुनाया। साथ ही भगवान रामलला को देशी घी से निर्मित छप्पन भोग निवेदित किया और गर्भगृह की परिक्रमा कर रामजन्मभूमि में परिक्रमा का शुभारंभ भी किया। गद्दीनशीन ने रामलला से समस्त जनमानस व जीव मात्र के कल्याण हेतु कामना की। रामलला के दरबार में श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट महासचिव चंपत राय ने अंगवस्त्र ओढ़ाकर गद्दीनशीन का स्वागत किया।

शाही जुलूस में महान संतों का जमावड़ा

शाही जुलूस में उज्जैनिया पट्टी के महंत संतराम दास निर्वाणी अनी व हरिद्वारी पट्टी के श्रीमहंत मुरली दास, बसंतिया पट्टी के महंत रामचरण दास, सागरिया पट्टी के श्रीमहंत ज्ञानदास की तरफ से प्रतिनिधित्व उनके उत्तराधिकारी व संकट मोचन सेना के अध्यक्ष संजय दास, गद्दीनशीन महाराज के शिष्य डॉ. महेश दास एवं मामा, सरपंच महंत रामकुमार दास, जगद्गुरू रामानंदाचार्य स्वामी रामदिनेशाचार्य, महंत गौरीशंकर दास, महंत रामकरन दास, महंत बलराम दास, जगद्गुरू परमहंसाचार्य, पुजारी राजूदास, आचार्य सत्यदेव दास, महंत जनार्दन दास, नंदराम दास, पहलवान राजेश दास, पहलवान मनीराम दास, सूर्यभान दास, महंत मनीष दास, उपेंद्र दास, राजन दास, पुजारी रमेश दास, कल्लू दास, राकेश दास, मनोज दास, प्रेममूर्ति कृष्णकांत दास, जितेंद्र दास समेत हजारों की संख्या में हनुमानगढ़ी के नागातीत, संत-महंत, अयोध्यावासी, व्यापारी, श्रद्धालु-भक्त शामिल रहे।

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