चारों लोग विशाखापत्तनम से गांजा लेकर आए थे
हैदराबाद। मुशीराबाद पुलिस (Police) ने कथित तौर पर सूखा गांजा ले जा रहे चार लोगों को गिरफ्तार (Arrest) किया और उनके पास से 4.5 किलोग्राम प्रतिबंधित पदार्थ जब्त किया। गिरफ्तार किए गए लोगों में सीपी शेखर सुमार (30), कलेरू विहान (22), वी साईं वैलाश (34) और चौधरी संतोष (22) शामिल हैं। आंध्र प्रदेश के अराकू निवासी विनोद और श्रीनिवास फरार हैं। चारों लोग विशाखापत्तनम से गांजा लेकर आए थे और इसे स्थानीय स्तर पर बेचने की योजना बना रहे थे, तभी एक गुप्त सूचना के आधार पर पुलिस ने उन्हें पकड़ लिया। फरार विनोद और श्रीनिवास को पकड़ने के प्रयास जारी हैं।

गांजे का इतिहास क्या है?
मानव सभ्यता में गांजे का उपयोग हजारों वर्षों से हो रहा है। भारत में यह वैदिक काल से ही धार्मिक और औषधीय प्रयोजनों में इस्तेमाल होता रहा है। आयुर्वेद में इसे विशेष जड़ी-बूटी माना गया। विश्व स्तर पर गांजा धार्मिक, चिकित्सकीय और नशे के रूप में प्रयोग हुआ है, हालांकि कानूनी स्थिति विभिन्न देशों में भिन्न है।
आदमी गांजा क्यों पीता है?
कुछ लोग मानसिक तनाव, अवसाद या सामाजिक दबाव के चलते गांजे का सेवन करते हैं। इसके सेवन से मस्तिष्क में डोपामिन जैसे रसायन बढ़ते हैं, जिससे अस्थायी आनंद या शांति का अनुभव होता है। वहीं कुछ लोग इसे धार्मिक, सामाजिक या मौज-मस्ती के रूप में भी अपनाते हैं, हालांकि यह स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है।
गांजे का नशा शरीर से कितने समय में उतरता है?
सामान्य रूप से गांजे का असर 2 से 6 घंटे तक रह सकता है, लेकिन इसका सक्रिय तत्व THC शरीर में 3 से 30 दिनों तक रह सकता है, यह सेवन की मात्रा, आवृत्ति और शरीर की चयापचय दर पर निर्भर करता है। बार-बार सेवन करने वालों में यह तत्व लंबे समय तक पेशाब या रक्त जांच में पाया जा सकता है।
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