उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में अब पुलिसकर्मी आम जनता से चर्चा के दौरान ‘तुम’ या ‘तू’ जैसे निरादर शब्दों का प्रयोग नहीं करेंगे। इसके बजाय, सभी नागरिकों से ‘आप’ कहकर बात करने के आज्ञा दिए गए हैं। यह आदेश गाजियाबाद पुलिस आयुक्त जे. रविंदर गौड़ द्वारा जिले में तैनात पुलिसकर्मियों के लिए ‘विनम्रता संवाद नीति’ के तहत जारी किया गया है।
गाजियाबाद पुलिस: व्यवहार में सुधार को लेकर सख्त दिशा-निर्देश
पुलिस उपायुक्त नगर राजेश कुमार ने बताया कि यह नीति 29 अप्रैल को लागू की गई है और सभी थानों को इस संबंध में स्पष्ट आदेश दे दिए गए हैं। इसके तहत पुलिसकर्मियों को शिकायतकर्ता से सुशीलता, आदर और शांत भाषा में बात करनी होगी।
स्त्रियों और बच्चों की सुरक्षा भी प्राथमिकता में
- सूर्यास्त के बाद किसी स्त्रियों को थाने नहीं बुलाया जाएगा।
- थानों में बच्चों के लिए बैठने की कुर्सियां, पानी, टॉफी और चॉकलेट की व्यवस्था आवश्यक की गई है।
वर्दी और पेशेवर आचरण को लेकर कठोरता
निर्देश में कहा गया है कि:
- कोई भी पुलिसकर्मी बिना नेम प्लेट या टोपी के ड्यूटी पर नहीं दिखेगा।
- वर्दी पर नाम और रैंक स्पष्ट रूप से दिखाई देनी चाहिए।
- बिना वजह किसी को थाने में देर तक बैठाना मना है।
- किसी से भी बेवकूफी या अशिष्टता न की जाए।

फरियाद की सुविधा भी की गई आसान
यदि कोई पुलिसकर्मी कदाचार करता है या निरादर भाषा का प्रयोग करता है तो नागरिक:
- वीडियो या ऑडियो रिकॉर्डिंग करके
- पुलिस आयुक्त, अतिरिक्त पुलिस आयुक्त, डीसीपी या एडीसीपी यातायात को फरियाद भेज सकते हैं।
पुलिस को मानवतावादी रवैये की दिशा में एक कदम
यह नई नीति उत्तर प्रदेश पुलिस की छवि को सुधारने और जन-साधारण के साथ पुलिस के रिश्ते को दृढ़ बनाने की एक अहम पहल है। संवाद में शिष्टाचार अपनाकर पुलिस जनविश्वास प्राप्त कर सकती है।