किसी को गिफ्ट देना अपने प्यार का इजहार करने का सबसे अच्छा तरीका है। वहीं 09 अगस्त 2025 को रक्षाबंधन (Rakshabandhan) का त्योहार आ रहा है। रक्षाबंधन के मौके पर भाई-बहन एक-दूसरे को गिफ्ट देकर प्यार और स्नेह के साथ इस पर्व को मनाते हैं। लेकिन कुछ चीजें ऐसी भी होती हैं, जिनको गिफ्ट करने पर दुर्भाग्य आता है या फिर रिश्ते में समस्याएं पैदा करने वाला माना जाता है। ऐसे में आज इस आर्टिकल के जरिए हम आपको बताने जा रहे हैं कि किन चीजों को गिफ्ट करने से बचना चाहिए।
परफ्यूम
रिश्तों का हमेशा महकते रहना बहुत जरूरी है। लेकिन जरूरी नहीं है कि आपके द्वारा गिफ्ट किया गया परफ्यूम सामने वाले व्यक्ति को पसंद आएगा। परफ्यूम (Perfume) सिलेक्शन बेहद निजी मामला होता है। कुछ लोगों का ऐसा मानना होता है कि कुछ सुगंधों में निगेटिव एनर्जी हो सकती है। जो व्यक्ति के सेहत या उनके औरा को प्रभावित कर सकती है। इसलिए किसी को गिफ्ट में परफ्यूम भी नहीं देना चाहिए।
नुकीली वस्तुएं
आमतौर पर चाकू या कैंची जैसी वस्तुओं को अच्छा गिफ्ट माना जाता है। यह एक आम धारणा है कि नुकीली चीजें दुर्भाग्य ला सकती हैं और रिश्तों में दरार आ सकती है।

काले रंग के कपड़े
कई परंपराओं के मुताबिक काले कपड़े शोक, उदासी और नकारात्मकता से जुड़े माने जाते हैं। इस वजह से इस रंग के कपड़े गिफ्ट में नहीं दिए जाते हैं। माना जाता है कि इससे निगेटिव एनर्जी पैदा होती है। जोकि रिश्ते में दुख ला सकती है। इसलिए गिफ्ट में काले रंग के कपड़े या सामान देने से बचना चाहिए।
कांच का सामान
कांच के बर्तन गिफ्ट में देना अशुभ माना जाता है। क्योंकि कांच की नाजुकता को रिश्ते के साथ भी जोड़ा जाता है। माना जाता है कि जिस तरह से यह फ्रेजाइल यानी भंगुर होता है, ठीक उसी तरह से इसको गिफ्ट देने से आपका रिश्ता टूट सकता है।
घड़ियां
ज्योतिष में समय का संबंध कर्म के देवता शनिदेव से होता है। माना जाता है कि जन्म कुंडली में शनि की अशुभ स्थिति बाधाएं और देरी ला सकती हैं। वहीं कई बार घड़ी गिफ्ट में देना उलटी गिनती के रूप में भी देखा जाता है। अगर घड़ी रुक जाती है, तो इसको रिश्ते के अंत के संकेत में भी देखा जाता है।
रक्षा बंधन का असली संदेश क्या है?
यह त्योहार भाई-बहन के रिश्ते में प्रेम, विश्वास और सुरक्षा का प्रतीक है। इसका असली संदेश है कि भाई अपनी बहन की रक्षा करेगा और बहन उसके सुखद जीवन की कामना करेगी। यह पर्व पारिवारिक एकता, भावनात्मक बंधन और सामाजिक सौहार्द को बढ़ावा देता है।
सबसे पहले राखी किसने बांधी थी?
इतिहास में माना जाता है कि सबसे पहले देवी लक्ष्मी ने राजा बलि को राखी बांधी थी, ताकि वह अपने पति विष्णु को वापस ले सकें। इसके अलावा महाभारत में कृष्ण को द्रौपदी द्वारा बांधी गई राखी का भी उल्लेख मिलता है, जिसे पौराणिक काल का प्रारंभिक उदाहरण माना जाता है।
क्या मां बेटे को राखी बांध सकती है?
परंपरा के अनुसार राखी बहन अपने भाई को बांधती है, लेकिन मां यदि बेटे को शुभकामना और सुरक्षा भावना से राखी बांधना चाहे तो यह भावनात्मक रूप से स्वीकार्य है। परिवारों में यह प्रथा कम होती है लेकिन कहीं-कहीं मातृस्नेह के रूप में निभाई जाती है।