भारत ने अरुणाचल प्रदेश राज्य में स्थानों के नाम बदलने के चीन के व्यर्थ और हास्यास्पद प्रयासों को सख्ती से खारिज कर दिया है और जोर देकर कहा है कि इस तरह के प्रयास इस वास्तविकता को नहीं बदल सकते कि अरुणाचल प्रदेश भारत का एक अभिन्न और अविभाज्य हिस्सा था, है और हमेशा रहेगा।
विदेश मंत्रालय (MEA) के प्रवक्ता रणधीर जैसवाल ने बुधवार को अरुणाचल प्रदेश में स्थानों के नाम बदलने को लेकर मीडिया के सवालों का जवाब देते हुए यह टिप्पणी की। जैसवाल ने कहा, “हमने देखा है कि चीन अरुणाचल प्रदेश राज्य के स्थानों का नाम रखने के अपने व्यर्थ और हास्यास्पद प्रयासों पर कायम है। अपने सैद्धांतिक रुख के अनुरूप, हम ऐसे प्रयासों को स्पष्ट रूप से खारिज करते हैं।”
उन्होंने कहा कि इस तरह की “रचनात्मक नामकरण” की कोशिशें उस अटल सच्चाई को नहीं बदल सकतीं कि अरुणाचल प्रदेश भारत का एक अभिन्न हिस्सा है।
इससे पहले विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा था, “अगर आज मैं आपके घर का नाम बदल दूं, तो क्या वह मेरा हो जाएगा? अरुणाचल प्रदेश था, है और हमेशा भारत का राज्य रहेगा। नाम बदलने से कोई असर नहीं पड़ता।”उन्होंने यह भी कहा था, “मुझे लगता है कि हमने इसे सही रूप में बेतुका कहा था। अगर इसे बार-बार किया जाता है, तो यह अब भी बेतुका ही है।
विदेश मंत्री ने यह भी जोर देकर कहा था, “मुझे उम्मीद है कि मैं इसे इतनी स्पष्टता से कह रहा हूं कि न केवल देश में बल्कि देश के बाहर भी लोग यह संदेश बहुत स्पष्ट रूप से समझ जाएं।”भारत ने बार-बार चीन द्वारा भारतीय क्षेत्रों का नाम बदलने के निराधार दावों को दृढ़ता से खारिज किया है।