जुलाई महीने के अधिकांश समय शहर में रही हथिनी
हैदराबाद। इस मानसून में हैदराबादवासियों को शहर में वन्यजीवों का आनंद मिल रहा है। सबसे पहले, कर्नाटक से आई हथिनी लक्ष्मी, जो जुलाई (July) महीने के अधिकांश समय शहर में रही और मुहर्रम के जुलूस में भाग लिया, तथा उसके बाद विभिन्न मंदिरों में बोनालु जुलूस निकाला। बोनालू उत्सव के समापन पर जैसे ही हाथी कर्नाटक स्थित अपने घर लौटा , एक घात लगाए तेंदुआ (panther) गांदीपेट में दिखाई दिया। गांदीपेट स्थित ग्रेहाउंड्स परिसर में लगे क्लोज-सर्किट कैमरों में तेंदुए की गतिविधि कैद हो गई। सोमवार को भी, गोलकुंडा के तारामती बारादरी में तेंदुए के देखे जाने की खबरों ने लोगों को सोशल मीडिया पर बांधे रखा।
शहर के इतने करीब तेंदुआ आना असामान्य बात
शेखपेट के एक सॉफ्टवेयर पेशेवर अविनाश कुमार ने कहा, ‘हाल के दिनों में शहर के इतने करीब तेंदुआ आना असामान्य बात है। इसलिए नागरिकों में इसे लेकर काफी उत्सुकता है। लोग इसके बारे में और जानने के लिए समाचार चैनलों पर नज़र गड़ाए हुए हैं।’ बहुत से लोग इस बात से अनजान हैं कि पिछले कई दशकों से तेंदुए शहर के आस-पास रह रहे हैं। एक वन अधिकारी ने बताया, ‘शमशाबाद , पहाड़ीशरीफ, हिमायतसागर, मोइनाबाद , गांडीपेट , इब्राहिमपट्टनम और याचारम के वन क्षेत्र तेंदुओं का घर हैं। यह जानवर जंगल में रहता है और रात में शिकार की तलाश में निकलता है। कभी-कभी, इसे आम लोगों ने भी देखा है।’
मूसी नदी के किनारे मगरमच्छ को देखा
अभी बड़ी बिल्ली के बारे में अटकलें ही चल रही थीं कि तभी किशनबाग के असद बाबा नगर में एक मगरमच्छ के रेंगते हुए नीचे आने की खबर आई। लोगों के एक समूह ने किशनबाग में मूसी नदी के किनारे मगरमच्छ को देखा और पुलिस को सूचना दी। इसके अलावा, नागरिक शहर के आसपास के मानव बस्तियों में साँपों के घुसने की भी शिकायत कर रहे हैं।

हैदराबाद में कितने प्रतिशत हिंदू हैं?
सांख्यिकी के अनुसार हैदराबाद शहर की कुल आबादी में लगभग 64% हिंदू, 30% मुस्लिम, और शेष ईसाई, सिख आदि शामिल हैं। धार्मिक विविधता के बावजूद यहां सद्भाव की भावना मजबूत है। आंकड़े जनगणना और नगर निगम के रिकार्डों पर आधारित होते हैं।
हैदराबाद का इतिहास क्या है?
यह शहर 1591 में मुहम्मद कुली कुतुबशाही द्वारा स्थापित हुआ था। मुगलों, आसफ़ जाही निज़ामों और फिर भारतीय गणराज्य में शामिल होने तक, इसका इतिहास सांस्कृतिक समृद्धि, कला, विज्ञान और राजनीतिक घटनाओं से भरा रहा है। निज़ाम काल में यह भारतीय उपमहाद्वीप का प्रमुख केंद्र था।
हैदराबाद किस लिए प्रसिद्ध है?
यह अपने ऐतिहासिक चारमीनार, बिरयानी, मोती, आईटी हब (साइबराबाद), और फिल्म सिटी के लिए प्रसिद्ध है। साथ ही, यह भारत के प्रमुख फार्मास्युटिकल और बायोटेक्नोलॉजी उद्योगों का केंद्र भी है। सांस्कृतिक विरासत और आधुनिक तकनीक का संयोजन इसे विशिष्ट बनाता है।
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