कांग्रेस पार्टी का इतिहास हिंदू द्वेष का रहा है
हैदराबाद। बीजेपी सांसद डी. के. अरुणा (BJP MP D.K. Aruna) ने बुधवार को मुख्यमंत्री ए. रेवंत रेड्डी पर आरोप लगाया कि उन्होंने हिंदू देवताओं का अपमान किया और उन हिंदू मतदाताओं का विश्वास तोड़ा जिन्होंने उन्हें सत्ता में लाया। अरुणा ने उनके बयानों को अहंकारी और शर्मनाक करार देते हुए कहा कि चुनावों से पहले खुद को भक्त हिंदू के रूप में पेश करने वाले मुख्यमंत्री अब हिंदू भावनाओं को आहत कर रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस पार्टी का इतिहास हिंदू द्वेष का रहा है और इसके उदाहरण के रूप में पार्टी नेता सैम पित्रोड़ा (Party leader Sam Pitroda) के पूर्व बयानों का हवाला दिया।
रेवंत रेड्डी का बयान अपमानजनक
अरुणा ने कहा कि रेवंत रेड्डी के शराबियों के लिए एक देवता और मांसाहारियों के लिए एक देवता वाले बयान अपमानजनक हैं और सनातन धर्म का मज़ाक उड़ाने के समान हैं। सांसद ने हिंदू समुदाय से सक्रिय प्रतिक्रिया देने का आह्वान किया और कहा कि मुख्यमंत्री के इन बयानों के लिए कांग्रेस को कीमत चुकानी होगी।
हिंदू धर्म के मुख्य देवता कौन हैं?
कई देवता पूजित हैं, लेकिन मुख्य देवताओं में ब्रह्मा, विष्णु और महेश (शिव) को त्रिमूर्ति के रूप में सबसे महत्वपूर्ण माना जाता है। ब्रह्मा सृष्टि के रचयिता, विष्णु पालनकर्ता और शिव संहार व पुनर्सृजन के देवता हैं। इनके अतिरिक्त देवी शक्ति, सरस्वती, लक्ष्मी, पार्वती, गणेश, कार्तिकेय, राम, कृष्ण और हनुमान भी अत्यंत रिवर्ड देवता हैं। हिंदू धर्म की विशेषता यह है कि यह विभिन्न रूपों, मार्गों और मान्यताओं का सम्मान करता है, इसलिए देवताओं के रूप भी अनेक हैं।
हिंदू धर्म में कितने मुख्य देवता हैं?
देवताओं की संख्या बहुत विशाल मानी जाती है—परंपरा के अनुसार 33 कोटि देवताओं का उल्लेख मिलता है। हालांकि “मुख्य देवताओं” की बात करें तो त्रिमूर्ति—ब्रह्मा, विष्णु और शिव—सबसे केंद्रीय हैं। इनके साथ देवी शक्ति भी समान रूप से प्रमुख मानी जाती हैं, जिनके हजारों रूप पूजे जाते हैं। इसके अलावा गणेश, राम, कृष्ण, हनुमान, लक्ष्मी, सरस्वती, दुर्गा, काली, कार्तिकेय आदि व्यापक रूप से पूजित हैं। संख्या भले विशाल हो, पर मूल भावना यह है कि सभी रूप एक ही परम तत्व के विभिन्न अभिव्यक्ति हैं।
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