कांग्रेस सांसद राहुल गांधी को भेजी सेल्फी
आदिलाबाद। इकोडा मंडल के आदर्श गांव मुखरा (के) के निवासियों ने बुधवार को अपने घरों के बाहर बोर्ड और फ्लेक्स पोस्टर लगाकर विरोध प्रदर्शन (Protests) किया, जिसमें लिखा था, “कांग्रेस सरकार ने छह चुनावी वादे पूरे न करके जनता को धोखा दिया है।” इसके बाद उन्होंने इन प्रदर्शनों की सेल्फी सीधे कांग्रेस नेता राहुल गांधी को भेजीं। पीड़ित निवासियों ने कहा कि सरकार (Government) प्रमुख वादों को पूरा करने में विफल रही है, जिनमें 2 लाख रुपये तक के फसल ऋण माफ करना, महालक्ष्मी योजना के तहत महिलाओं को 2,500 रुपये मासिक वित्तीय सहायता देना, महिलाओं को एक तोला सोना वितरित करना और 2 लाख नौकरियां पैदा करना शामिल है।
कांग्रेस ने लोगों को दिया धोखा
उन्होंने दुख जताते हुए कहा कि पार्टी ने आश्वासन दिया था कि सत्ता में आने के 100 दिनों के भीतर इन वादों को पूरा किया जाएगा। हालांकि, सत्ता में आने के 18 महीने बाद भी इनमें से एक भी वादा पूरा नहीं हुआ है। उन्होंने पिछली बीआरएस सरकार द्वारा शुरू की गई कल्याणकारी योजनाओं जैसे केसीआर किट, पोषण किट, रैतु बीमा और रैतु बंधु को जारी न रखने के लिए कांग्रेस सरकार की भी आलोचना की। उन्होंने कहा कि उन योजनाओं से हर घर को लाभ मिला। कांग्रेस ने अपने चुनावी वादों और चल रहे कल्याणकारी कार्यक्रमों को छोड़कर लोगों को धोखा दिया।
कांग्रेस को वोट देने पर खेद जताते हुए ग्रामीणों ने कहा कि अब उन्हें अपनी गलती का एहसास हो गया है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने चुनाव के दौरान बड़े-बड़े लेकिन असंभव वादे किए और जनता का जनादेश हासिल करने में कामयाब रही। लेकिन उसने अपने वादे पूरे न करके समाज के हर वर्ग के साथ विश्वासघात किया। खास तौर पर किसान इसके झूठ का खामियाजा भुगत रहे हैं।
आरक्षण के लिए राष्ट्रपति की मंजूरी के लिए दबाव डालें नए बीजेपी अध्यक्ष
तेलंगाना विधानसभा और विधान परिषद ने शिक्षा, नौकरियों और स्थानीय निकायों में पिछड़े वर्गों के लिए 42 प्रतिशत आरक्षण प्रदान करने वाले दो विधेयक पारित किए हैं। इस सिलसिले में तेलंगाना जागृति अध्यक्ष और बीआरएस एमएलसी के कविता ने नवनियुक्त भाजपा तेलंगाना अध्यक्ष एन रामचंदर राव से आग्रह किया कि वे तत्काल राष्ट्रपति की मंजूरी के लिए दबाव डालें। रामचंदर राव को लिखे एक खुले पत्र में कविता ने याद दिलाया कि पिछड़ा वर्ग आरक्षण ओबीसी की लंबे समय से लंबित और जायज मांग है, खासकर तेलंगाना में। उन्होंने बताया कि तेलंगाना जागृति और यूनाइटेड फुले फ्रंट (यूपीएफ) के नेतृत्व में लगातार आंदोलनों के बाद, राज्य सरकार ने विधानमंडल के दोनों सदनों में दो विधेयक पेश किए और पारित किए।

विधेयकों को मंजूरी दिलवाने की जिम्मेदारी अब रामचंदर राव की
उन्होंने कहा, ‘इन विधेयकों को राष्ट्रपति की मंजूरी के लिए भेजे हुए काफी समय हो गया है, लेकिन कोई प्रगति नहीं हुई है।’ उन्होंने कहा कि यदि भाजपा वास्तव में ओबीसी के हितों के लिए प्रतिबद्ध है, तो उसे अब कार्रवाई करनी चाहिए। बीआरएस एमएलसी ने कहा कि केंद्र से इन विधेयकों को मंजूरी दिलवाने की जिम्मेदारी अब रामचंदर राव की है और उन्होंने उनसे आग्रह किया कि वे केंद्र सरकार को बिना किसी देरी के विधेयकों को मंजूरी दिलवाने के लिए मना लें। उन्होंने उनसे कहा कि वे पिछड़े वर्ग के लोगों को यह संदेश दें कि भाजपा राजनीतिक और सामाजिक प्रतिनिधित्व में उनके उचित हिस्से के समर्थन में खड़ी है और विधेयकों को मंजूरी दिलवाए।
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