विकास एवं कल्याणकारी कार्यक्रमों की सीएम ने दी जानकारी
हैदराबाद। उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने शुक्रवार को जुबली हिल्स स्थित मुख्यमंत्री आवास पर तेलंगाना के मुख्यमंत्री ए. रेवंत रेड्डी (Chief Minister A. Revanth Reddy) से शिष्टाचार भेंट की। दोनों नेताओं ने देश की मौजूदा राजनीतिक स्थिति पर चर्चा की। बताया जाता है कि मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी ने अखिलेश यादव को तेलंगाना सरकार द्वारा चलाए जा रहे विकास और कल्याणकारी कार्यक्रमों के बारे में जानकारी दी। इस बैठक में राज्यसभा सांसद अनिल कुमार यादव, पूर्व सांसद अंजन कुमार यादव, रामागुंडम विधायक राज ठाकुर और वरिष्ठ कांग्रेस नेता रोहित रेड्डी भी उपस्थित थे। इसके बाद अखिलेश यादव हैदराबाद स्थित एमएलए क्वार्टर्स में आयोजित एक भव्य सदार सम्मेलन में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए।
आंध्र प्रदेश के समर्थन के बिना केंद्र में एनडीए सरकार की वापसी संभव नहीं
सभा को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि नेता भले ही अलग-अलग राजनीतिक दलों से हों, लेकिन राजनीति से परे सभी एकजुट रहते हैं। उन्होंने सुझाव दिया कि भविष्य में सदार समारोहों के लिए और भी व्यापक व्यवस्थाएँ की जानी चाहिए। राष्ट्रीय राजनीति पर बोलते हुए अखिलेश यादव ने कहा कि उत्तर प्रदेश में भाजपा पीछे धकेली जा रही है और यह भी दावा किया कि आंध्र प्रदेश के समर्थन के बिना केंद्र में एनडीए सरकार की वापसी संभव नहीं थी। अपनी पार्टी की संभावनाओं पर विश्वास जताते हुए उन्होंने कहा कि आने वाले उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावों में समाजवादी पार्टी का झंडा एक बार फिर ऊँचा लहराएगा।
अखिलेश यादव कितनी बार मुख्यमंत्री बने थे?
समाजवादी पार्टी के नेता अखिलेश यादव उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री एक बार बने। उन्होंने 2012 से 2017 तक शासन किया। उनके कार्यकाल में आगरा–लखनऊ एक्सप्रेसवे, लैपटॉप वितरण योजना, समाज कल्याण कार्यक्रम और शहरी ढांचे के विकास पर खास ध्यान दिया गया।
मायावती कितनी बार यूपी की सीएम बनीं?
बहुजन समाज पार्टी की प्रमुख मायावती उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री चार बार रहीं। उन्होंने 1995, 1997, 2002–2003 और 2007 से 2012 तक राज्य का नेतृत्व किया। उनके शासन में दलित सशक्तिकरण, कानून-व्यवस्था और प्रशासनिक सुधार प्रमुख एजेंडा रहे।
भारत में सबसे लंबे समय तक मुख्यमंत्री कौन रहा है?
रिकॉर्ड के अनुसार सिक्किम के पूर्व मुख्यमंत्री पवन कुमार चामलिंग भारत में सबसे लंबे समय तक मुख्यमंत्री रहे। वे 1994 से 2019 तक लगभग 25 वर्षों तक लगातार पद पर बने रहे। स्थिर सरकार, विकास योजनाएं और सामाजिक संतुलन उनके कार्यकाल की पहचान रही।
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