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Politics : कविता ने टीजीआईआईसी को सार्वजनिक कंपनी में बदलने के प्रयास का किया पर्दाफाश

Ajay Kumar Shukla
Ajay Kumar Shukla

सरकार ने 15 अप्रैल को जारी किया जीओ नंबर 12 : कविता

हैदराबाद। सोमवार को तेलंगाना भवन में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में जीओ जारी करते हुए बीआरएस एमएलसी के कविता ने रेवंत रेड्डी सरकार पर बड़े पैमाने पर लोन लेने के लिए तेलंगाना की जमीनों को स्टॉक एक्सचेंज में गिरवी रखने की साजिश रचने का आरोप लगाया। उन्होंने इस कदम के पीछे की गोपनीयता पर सवाल उठाते हुए जीओ को तुरंत वापस लेने की मांग की।

स्टॉक एक्सचेंज में गिरवी रखने की साजिश रचने का आरोप

उन्होंने कहा कि मेरे पास ठोस सबूत हैं। कांचा गच्चीबावली में जमीन बेचने के अपने फैसले के बाद सुप्रीम कोर्ट में पहुंची कांग्रेस सरकार अब तेलंगाना औद्योगिक अवसंरचना निगम (टीजीआईआईसी) के नियंत्रण में लगभग 1.75 लाख एकड़ जमीन पर दांव लगा रही है। इसके अनुसार, सरकार अब कथित तौर पर निगम को एक सार्वजनिक लिमिटेड कंपनी में बदलने की साजिश कर रही है। सरकार ने 15 अप्रैल को जीओ नंबर 12 जारी किया, जिसमें टीजीआईआईसी की स्थिति को निजी लिमिटेड कंपनी से बदलकर सार्वजनिक लिमिटेड इकाई बनाने का अधिकार दिया गया। इस बदलाव का उद्देश्य बॉन्ड, डिबेंचर या संभावित आईपीओ के माध्यम से पूंजी बाजारों तक पहुंच को सक्षम करके बड़ी उधारी को सुविधाजनक बनाना है।

कविता

मात्र 16 महीनों में 1.8 लाख करोड़ रुपये से अधिक उधार ले लिया : कविता

इस बदलाव को जनता से क्यों छिपाया गया? अगर बाजार में घाटा हुआ तो तेलंगाना की जमीनों का क्या होगा? यह लोगों के भरोसे के साथ धोखा है। कविता ने याद दिलाया कि रेवंत रेड्डी सरकार ने मात्र 16 महीनों में 1.8 लाख करोड़ रुपये से अधिक उधार ले लिया, जबकि कोई भी प्रमुख कल्याणकारी योजना पूरी तरह लागू नहीं की गई।

शेयरधारकों की संख्या मौजूदा चार से बढ़ाकर सात कर दी गई

उन्होंने राज्य के वित्त पर श्वेत पत्र जारी करने की मांग करते हुए दावा किया, ‘‘इसका कुछ हिस्सा प्रशासन और ऋणों के पुनर्भुगतान पर खर्च किया गया, जबकि लगभग एक लाख करोड़ रुपये बड़े ठेकेदारों को दिए गए, जिनमें से 20,000 करोड़ रुपये रेवंत रेड्डी को कमीशन के रूप में दिए गए।’’ सरकारी आदेश के अनुसार शेयरधारकों की संख्या मौजूदा चार से बढ़ाकर सात कर दी गई है, जो रूपांतरण के लिए कानूनी मानदंडों को पूरा करती है। टीजीआईआईसी के उपाध्यक्ष और प्रबंध निदेशक को इस संबंध में आवश्यक कार्रवाई करने का निर्देश दिया गया है।

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