डाक सेवा की प्रतिस्पर्धात्मकता होगी मज़बूत
हैदराबाद। एक सितंबर से भारतीय डाक (India Post) की लोकप्रिय पंजीकृत डाक सेवा को स्पीड पोस्ट के साथ विलय कर दिया जाएगा। तेलंगाना पोस्टल सर्किल (Telangana Postal Circle) के अधिकारियों ने इस कदम की पुष्टि की और कहा कि यह निर्णय संचार के बढ़ते डिजिटलीकरण और पार्सल वितरण क्षेत्र में निजी कूरियर फर्मों के बढ़ते प्रभुत्व के कारण लिया गया है। दक्षता बढ़ाने के लिए, भारतीय डाक विभाग देश भर में दशकों पुरानी पंजीकृत डाक सेवा को अब स्पीड पोस्ट सेवा में शामिल कर रहा है। अधिकारी ने बताया कि इस पहल से डाक सेवा की प्रतिस्पर्धात्मकता मज़बूत होगी और डिजिटल युग में उपभोक्ताओं की बदलती ज़रूरतों को पूरा करने में मदद मिलेगी।
ग्राहकों ने पंजीकृत डाक को जारी रखने का दिया है सुझाव
भारतीय डाक निदेशालय, दिल्ली ने तेलंगाना डाक मंडल को पंजीकृत डाक को स्पीड पोस्ट सेवाओं के साथ विलय करने के प्रस्ताव का मूल्यांकन करने का निर्देश दिया है। इस निर्देश में बुकिंग और वितरण प्रणाली, उपयोगकर्ता शुल्क, और अन्य सेवाओं के अलावा, लेखों और पत्रों के प्रबंधन सहित विभिन्न मानकों पर उपभोक्ताओं की प्रतिक्रिया एकत्र करना शामिल है। डाक अधिकारी के अनुसार, ‘पिछले तीन महीनों से एक व्यापक अभ्यास चल रहा है और प्राप्त प्रतिक्रिया निदेशालय को भेज दी गई है। कुल मिलाकर, अधिकांश डाक ग्राहक बेहतर सेवाएँ प्रदान करने के लिए पंजीकृत डाक को स्पीड पोस्ट सेवाओं में बदलने के प्रस्ताव का समर्थन कर रहे हैं। कुछ और ग्राहकों ने पंजीकृत डाक को जारी रखने का सुझाव दिया है क्योंकि ये सेवाएँ स्पीड पोस्ट जैसी ही हैं।’
बेशक, यह एक अच्छा निर्णय
तेलंगाना सर्किल के सभी 5,727 डाकघर, जिनमें 32 प्रधान डाकघर, 689 उप डाकघर और 5,006 शाखा डाकघर शामिल हैं, वर्तमान में पंजीकृत डाक और स्पीड पोस्ट सेवाओं का उपयोग कर रहे हैं। हैदराबाद जीपीओ के कई ग्राहकों ने बताया कि पिछली तीन पीढ़ियों से वे पंजीकृत डाक सेवाओं का उपयोग करते आ रहे हैं, जो विश्वसनीयता, सामर्थ्य और कानूनी वैधता के लिए जानी जाती हैं। एक ग्राहक, जगदीश्वर राव ने कहा, ‘हमारे बच्चे नौकरी के प्रस्ताव पत्र, कानूनी नोटिस और अन्य सरकारी पत्राचार के लिए इस सेवा का उपयोग करते थे। बेशक, यह एक अच्छा निर्णय है और डाक विभाग को डिजिटल युग में कदम रखना होगा क्योंकि पूरी दुनिया पहले से ही डिजिटल दुनिया में तब्दील हो चुकी है।’

भारतीय डाक क्या है?
देश की सबसे पुरानी और व्यापक संचार प्रणाली के रूप में कार्यरत एक सरकारी संस्था है, जो पत्र, पार्सल, मनी ऑर्डर, स्पीड पोस्ट जैसी सेवाएं प्रदान करती है। यह भारत सरकार के संचार मंत्रालय के अंतर्गत काम करती है और ग्रामीण क्षेत्रों में भी इसकी व्यापक पहुंच है।
भारतीय डाक का जनक कौन था?
आधुनिक भारतीय डाक प्रणाली की नींव 1854 में लॉर्ड डलहौजी ने रखी थी। उन्होंने पहली बार पूरे देश में एकसमान डाक दर और डाक टिकट प्रणाली की शुरुआत की थी, जिससे संचार को सुव्यवस्थित, सुलभ और सस्ता बनाया जा सका।
भारतीय डाक कितने प्रकार के होते हैं?
मुख्यतः इसकी सेवाएं चार प्रकार की होती हैं—सामान्य डाक, पंजीकृत डाक, स्पीड पोस्ट और एक्सप्रेस पार्सल। इनके अलावा मनी ऑर्डर, बचत खाता, डाक बीमा, फिलाटेली जैसी अन्य सेवाएं भी उपलब्ध हैं जो अलग-अलग आवश्यकताओं को पूरा करती हैं।