शंघाई के वैज्ञानिकों द्वारा किए गए शोध में यह पाया गया कि प्रोसाइनिडिन C1 चूहों की उम्र को उल्लेखनीय रूप से बढ़ा सकता है। अध्ययन में यह भी देखा गया कि यह यौगिक न केवल उम्र बढ़ाता है, बल्कि चूहों की शारीरिक सक्रियता और प्रतिरोधक क्षमता (Resistance) को भी बनाए रखता है। यह खोज अब मानव शरीर पर दवा के प्रभाव का मूल्यांकन करने की दिशा में अगला कदम मानी जा रही है।
“अमरता नहीं, लेकिन लंबी उम्र की उम्मीद”
हालांकि लॉनवी बायोसाइंसेज ने यह भी स्पष्ट किया है कि आधुनिक चिकित्सा विज्ञान अभी ‘मृत्यु को पूरी तरह मात’ देने की स्थिति में नहीं है। कंपनी इस दवा को ‘लाइफ एक्सटेंशन मेडिसिन (Life Extension Medicine) यानी जीवन-वृद्धि औषधि के रूप में देख रही है, जिसका मकसद उम्र से जुड़ी बीमारियों और शारीरिक कमजोरी की गति को कम करना है।
बुढ़ापा रोकने की दौड़ में दुनिया के वैज्ञानिक
गौरतलब है कि अमेरिका, जापान (Japan) और यूरोप के कई रिसर्च संस्थान भी इस दिशा में तेजी से काम कर रहे हैं। लेकिन चीन की यह पहल इसलिए चर्चा में है क्योंकि यह प्राकृतिक यौगिकों के इस्तेमाल पर आधारित है और इसका दावा अन्य प्रयोगों की तुलना में अधिक ठोस बताया जा रहा है।
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