Car-Truck Collision Purulia 9 लोगों की दर्दनाक मौत
पश्चिम बंगाल के पुरुलिया जिले में हुए Car-Truck Collision Purulia ने एक साथ 9 लोगों की जान ले ली। हादसा एक कार (बोलेरो) और तेज रफ्तार ट्रक के बीच राष्ट्रीय राजमार्ग‑18 पर हुआ।
कार-ट्रक टक्कर Purulia हादसा कहां, कब और कैसे हुआ
- यह Car-Truck Collision Purulia सुबह लगभग 6:30 बजे NH‑18 पर नामशोल (बलरामपुर थाना क्षेत्र) के निकट हुआ,
- जब बोलेरो और ट्रक आमने-सामने टकरा गए
- बोलेरो कार झारखंड के तिलाइटांड जाने वाले यात्रियों को लेकर वापस जा रही थी। वह शादी समारोह से लौट रही थी
- पुलिस ने बताया कि बोलेरो पूरी तरह दब कर चकनाचूर हो गई और उसमें सवार सभी नौ लोग मौके पर ही मृत पाए गए
- ट्रक जब्त कर लिया गया है और चालक की तलाश जारी है

कार-ट्रक टक्कर Purulia: कौन थे मृतक और उनका हाल-चाल
- मृतकों की पहचान झारखंड के तिलाइटांड और अन्य पास-पड़ोस क्षेत्रों के रहने वाले बताई गई है,
- जिनमें बीरु महतो, अजय महतो, विजय महतो, स्वपन महतो, गुरुपद महतो, शशांक महतो, चित्त महतो, कृष्णा महतो और चंद्रमोहन महतो शामिल हैं
- सारे मृतक एक ही समुदाय के थे और एक ही गाड़ी से शादी समारोह में गए थे
- इसलिए गांव में शोक की लहर है
- पोस्टमॉर्टम का कार्य पूरा हो चुका है, और मृतकों के परिजनों को प्रशासनीय सहायता दी जा रही है
Car-Truck Collision Purulia: प्राथमिक कारण और जांच
- पुलिस के अनुसार overspeeding और लापरवाही प्राथमिक कारण हो सकते हैं;
- ब्रेक फेल होने की आशंका भी जांच में शामिल है
- दुर्घट्नास्थल पर पहुंचकर बलरामपुर पुलिस और स्थानीय प्रशासन ने ट्रक को जब्त कर लिया और मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है
- चश्मदीदों के बयान और CCTV फुटेज की भी जांच की जा रही है

कार-ट्रक टक्कर Purulia: broader perspective और सावधानियां
- यह Car-Truck Collision Purulia रोड सेफ्टी की चिंताजनक तस्वीर पेश करता है।
- विशेषज्ञ बताते हैं कि राष्ट्रीय राजमार्गों पर तेज रफ्तार और वाहन सुरक्षा का अभाव ऐसी घटनाओं को जन्म देता है।
- पुलिस ने वॉकथ्रू, signage, स्पीड घटाने और सख्त निगरानी की ज़रूरत पर ज़ोर दिया है ।
Car-Truck Collision Purulia में 9 निर्दोष लोगों की जान चली गई—ये हादसा सिर्फ एक दुर्घटना नहीं, बल्कि रोड सेफ्टी पर गंभीर चेतावनी है। इस हादसे ने साबित कर दिया है कि तेज़ रफ्तार और लापरवाही मानव जीवन के लिए कितना खतरनाक हो सकता है। सरकार और प्रशासन को चाहिए कि राष्ट्रीय राजमार्गों पर विशेष निगरानी, बेहतर इंफ्रास्ट्रक्चर और जागरूकता कार्यक्रम आयोजित करें ताकि ऐसी घटनाएँ रोकी जा सकें।