बीजिंग । अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) की पाकिस्तान के साथ बढ़ती नजदीकियों ने दक्षिण एशिया के भू-राजनीतिक परिदृश्य में नई हलचल मचा दी है। पाकिस्तानी सेना प्रमुख फील्ड मार्शल आसिम मुनीर की हाल की वाशिंगटन यात्रा और उसके बाद बीजिंग दौरे ने न केवल भारत को चिंतित कर दिया है, बल्कि चीन को भी इस्लामाबाद के साथ अपने दशकों पुराने रिश्ते की मजबूती पर विचार करने को मजबूर किया। चीनी रणनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि पाकिस्तान भले ही अमेरिका के साथ आर्थिक और रणनीतिक सहयोग बढ़ाने की कोशिश कर रहा हो, लेकिन वह चीन के साथ अपने गहरे संबंधों को जोखिम में नहीं डालेगा।
ट्रंप और मुनीर की मुलाकात ने वैश्विक कूटनीति में मचा हलचल
चीन के नेतृत्व ने भी पाकिस्तान (Pakistan) को यह संदेश दे दिया है। जुलाई 2025 में व्हाइट हाउस में ट्रंप और मुनीर की मुलाकात ने वैश्विक कूटनीति में हलचल मचा दी। यह पहली बार था जब किसी अमेरिकी राष्ट्रपति ने पाकिस्तान के सेना प्रमुख को निजी तौर पर भोज के लिए आमंत्रित किया।
मुलाकात में भारत-पाकिस्तान के बीच मई में हुए सैन्य संघर्ष, तेल सौदों, व्यापार और आतंकवाद-रोधी सहयोग जैसे मुद्दों पर चर्चा हुई। ट्रंप ने मुलाकात के बाद अमेरिका-पाकिस्तान सहयोग को बढ़ाने की घोषणा की। इस मुलाकात ने अमेरिकी विदेश नीति में बदलाव का संकेत दिया, जिसके प्रभाव न केवल भारत, बल्कि चीन और मध्य पूर्व पर भी पड़ सकते हैं। पाकिस्तान के साथ दशकों से ऑल-वेदर रिश्ता निभाने वाला चीन से बदलाव से सतर्क है।
देशों के बीच गहरे आर्थिक और रणनीतिक संबंधों का प्रतीक है
चाइना-पाकिस्तान इकोनॉमिक कॉरिडोर (CPEC) के तहत बीजिंग ने इस्लामाबाद में अरबों डॉलर का निवेश किया है, जो दोनों देशों के बीच गहरे आर्थिक और रणनीतिक संबंधों का प्रतीक है। हाल में मुनीर ने बीजिंग यात्रा की है। इसमें उन्होंने चीनी उपराष्ट्रपति हान झेंग, विदेश मंत्री वांग यी और पीपुल्स लिबरेशन आर्मी के वरिष्ठ अधिकारियों से मुलाकात की।
यह इस बात का संकेत है कि चीन अपनी पकड़ कमजोर नहीं होने देगा। हालांकि, राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मुनीर की मुलाकात न होना भी थोड़ा संशय पैदा करता है। इसमें संदेश छिपा है कि वह मुनीर के अमेरिका प्रेम से बहुत खुश नहीं है। चीनी विशेषज्ञों ने स्थिति पर अपनी राय स्पष्ट की है।
25 फीसदी टैरिफ की धमकी ने नई दिल्ली को असहज कर दिया
चाइना इंस्टीट्यूट्स ऑफ कंटेम्परेरी इंटरनेशनल रिलेशंस के निदेशक हु शिशेंग ने कहा कि पाकिस्तान अमेरिका के साथ अपने संबंधों को चीन के साथ अपने रिश्तों की कीमत पर आगे नहीं बढ़ाएगा। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान ट्रंप (Trump) के प्रलोभनों में आसानी से नहीं फंसेगा। ट्रंप की पाकिस्तान के प्रति नरमी और भारत पर 25 फीसदी टैरिफ की धमकी ने नई दिल्ली को असहज कर दिया है। चीनी विशेषज्ञों का मानना है कि यह ट्रंप की ‘आर्ट ऑफ द डील’ रणनीति का हिस्सा है, जिसका उद्देश्य भारत को अमेरिका के नेतृत्व में चीन के खिलाफ एक मजबूत भूमिका निभाने के लिए दबाव डालना है।
शी जिनपिंग किस लिए प्रसिद्ध है?
शी जिनपिंग (जन्म 15 जून 1953) एक चीनी राजनीतिज्ञ हैं जो चीनी कम्युनिस्ट पार्टी (सीसीपी) के महासचिव और केंद्रीय सैन्य आयोग (सीएमसी) के अध्यक्ष रहे हैं, और इस प्रकार 2012 से चीन के सर्वोच्च नेता हैं।
शी जिनपिंग से पहले चीन के राष्ट्रपति कौन थे?
जियांग ने 2003 में राष्ट्रपति पद से इस्तीफा दे दिया और यह पद तत्कालीन उपराष्ट्रपति हू जिंताओ को सौंप दिया, जो इस पद को संभालने वाले पहले उपराष्ट्रपति थे। हू 2002 में ही महासचिव बन चुके थे। बदले में, हू ने 2012 और 2013 में शी जिनपिंग के लिए दोनों पद खाली कर दिए, जो पहले भी हू के अधीन उपराष्ट्रपति रह चुके थे।
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