उच्च-शक्ति लेजर वर्ष के अंत तक ऑपरेशनल
तेल अवीव: इजरायल(Israel) के रक्षा मंत्रालय ने घोषणा की है कि हाई-एनर्जी लेजर डिफेंस प्रणाली आयरन बीम(Iron Beam) ने अंतिम परीक्षण पूरा कर लिया है और इसे वर्ष के अंत तक इजरायली(Israel) सेना को सौंपा जाएगा। तेल अवीव(Tel Aviv) में दक्षिणी इलाकों में किए गए परीक्षणों में सिस्टम ने रॉकेट, मोर्टार, ड्रोन और कम उड़ान वाले लक्ष्यों को सफलतापूर्वक निष्क्रिय किया। अमीर बारम ने इसे राष्ट्रीय रक्षा में ऐतिहासिक उपलब्धि बताया और कहा कि अब इजरायल(Israel) की परतदार रक्षा में यह एक सस्ती और तेज़ विकल्प जुड़ रहा है।
विकास और तकनीकी क्षमताएँ
आयटन ओर नाम से जाना जाने वाला यह उच्च-शक्ति लेजर लंबे विकास के बाद राफेल और अन्य निर्माताओं के सहयोग से तैयार हुआ है। प्रणाली मुख्यतः छोटे और सस्ते हथियारों जैसे शॉर्ट-रेंज रॉकेट व ड्रोन को निशाना बनाने के लिए डिज़ाइन की गई है। परीक्षणों में दिखा कि लेजर लगातार बिजली आपूर्ति मिलने पर लंबे समय तक फायर कर सकता है और प्रति इंटरसेप्शन लागत काफी कम रहती है। हालाँकि मौसम परिस्थितियों में इसकी प्रभावशीलता घट सकती है, रक्षा अधिकारियों ने कहा कि वास्तविक ऑपरेशन में यह अन्य परतों के साथ मिलकर बेहतर सुरक्षा देगा।
तैनाती और सामरिक समेकन
आयरण बीम को आयरन डोम, डेविड्स स्लिंग तथा एरो जैसी प्रणालियों के साथ बहु-परत नेटवर्क में शामिल किया जाएगा। इससे मौजूदा महंगे इंटरसेप्टरों पर दबाव कम होगा और जब सैकड़ों छोटे प्रोजेक्टाइल एक साथ दागे जाएंगे तो लागत-प्रभावी समाधान मिल सकेगा। रक्षा मंत्रालय ने बताया कि सिस्टम की इंटीग्रेशन जल्द शुरू होगी और वर्ष के अंत तक फील्ड-डिलीवरी की योजना है। इसलिए लंबी लड़ाइयों में गोला-बारूद की कमी से जुड़ी कमजोरियाँ घटेंगी।
क्षेत्रीय प्रभाव और प्रतिक्रिया
आयरण बीम की तैनाती से क्षेत्रीय संतुलन पर असर पड़ सकता है, विशेषकर गाज़ा, लेबनान तथा खाड़ी देशों के रुख पर। कतर और अन्य देशों में कूटनीतिक प्रतिक्रियाएँ तथा सुरक्षा चिंताएँ देखी जा रही हैं। रणनीतिक विश्लेषक कहते हैं कि यह तकनीक छोटे हथियारों से होने वाले सामूहिक हमलों के जोखिम को घटाकर परिदृश्य बदल सकती है, परन्तु इससे नई कूटनीतिक चुनौतियाँ भी उभर सकती हैं।
यह प्रणाली किन खतरों को रोकती है?
आयरन बीम छोटे रॉकेट, मोर्टार, तथा ड्रोनों को तेज़ी से निशाना बनाकर तापीय ऊर्जा से उन्हें बेअसर कर देता है। निरंतर ऊर्जा आपूर्ति मिलने पर यह लंबे अभियानों में भी रखरखाव बिना काम कर सकता है और महंगे इंटरसेप्टर बचाता है।
क्या यह आयरन डोम का स्थान लेगा?
यह किसी भी मौजूदा प्रणाली का स्थान नहीं लेगा बल्कि एक सहायक परत के रूप में काम करेगा। बहु-परत रक्षा में इसकी भूमिका छोटे-दरजे के खतरों को कम खर्च में नियंत्रित करना है।
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