मॉस्को। परमाणु ताकत के अभाव में यूक्रेन (Ukraine) थर-थर कांप रहा है। अगर वाकई रूस न्यूक्लियर तान देता है तो यूक्रेन के पास यूरोप का सहारा ही बचता है। अमेरिका बड़े भैय्या की भूमिका जरूर निभा रहा है लेकिन इस मामले से दूर ही रहने के आसार हैं। रूस के राष्ट्रपति ब्लादिमिर पुतिन (Bladimir Putin) ने अपनी फोर्स को न्यूक्लियर ड्रिल का आदेश दे दिया है। इस आदेश के बाद इस बात पर चर्चा शुरु हो गई है कि यदि पूरा यूरोप रूस के खिलाफ न्यूक्लियर अटैक करता है तो क्या होगा।
अमेरिका का सैन्य सपोर्ट, लेकिन न्यूक्लियर दूर
रूस के साथ चल रही जंग में अमेरिका, यूक्रेन को सैन्य सपोर्ट भले ही दे रहा है लेकिन 5,044 न्यूक्लियर वॉरहेड्स से लैस यह देश पुतिन से भी दोस्ती साधने की कोशिश कर रहा है। हालांकि, यूरोपियन यूनियन देश बिना शर्त यूक्रेन के सपोर्ट में खड़े हैं।
रूस की परमाणु ताकत
परमाणु ताकत के मामले में रूस दुनिया का सबसे पावरफुल देश है। कुल वॉरहेड की बात करें तो पुतिन के पास अमेरिका से भी ज्यादा लगभग 5000 से 6000 वॉरहेड हैं। इसके साथ ही टेक्टिकल हथियारों का जखीरा 1000 से 2000 तक है। न्यूक्लियर हथियार कैरी करने वाले बॉम्बर्स भी मौजूद हैं।
यूरोप की न्यूक्लियर क्षमता
यूरोपियन यूनियन में सिर्फ फ्रांस ही परमाणु ताकत है। फ्रांस दुनिया की चौथी सबसे बड़ी न्यूक्लियर पावर है, लेकिन इसके पास केवल 290 वॉरहेड हैं। यूनाइटेड किंगडम के पास 225 परमाणु हथियार हैं, जो मुख्य रूप से चार ‘वैनगार्ड’ श्रेणी की पनडुब्बियों पर आधारित हैं।
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