इस्लामाबाद,। तालिबान से बुरी तरह पिट चुका पाकिस्तान अब बौखला गया है। रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ (Defence Minister Khawaja Asif) ने कहा है कि भारत की गोद में बैठा तालिबान अब हमारे किसी काम का नहीं है। उससे सभी रिश्ते खत्म हो गए। इसलिए जितनी जल्दी हो अफगान के नागरिक पाकिस्तान छोड़ दें। यहाँ के सभी संसाधन 25 करोड़ पाकिस्तानियों के लिए हैं, न कि अफगानियों के लिए।
भारत पर इल्जाम और तालिबान का रुख
रक्षामंत्री आसिफ ने बीच में भारत को भी घसीटते हुए कहा कि तालिबान सरकार (Taliban Government) भारत की तरफ से काम कर रही है और पाकिस्तान के खिलाफ साजिश रच रही है। उन्होंने कहा, काबुल के शासक आज भारत की गोद में जा बैठे हैं। वे कभी हमारी हिफाज़त में रहते थे।
सीमा पर कड़ा इशारा
ख्वाजा आसिफ ने कहा कि अगर सीमा पर अफगानिस्तान कोई भी उकसावे की गतिविधि करता है तो उसका मुंहतोड़ जवाब दिया जाएगा।
एयरस्ट्राइक और बढ़ता तनाव
बता दें कि पाकिस्तान ने काबुल पर उस समय एयरस्ट्राइक (Airstrike) की थी जब अफगान विदेश मंत्री भारत की यात्रा पर थे। इससे साफ जाहिर होता है कि वह आतंकी घटनाओं से ज्यादा भारत और अफगानिस्तान की बढ़ती करीबी से परेशान है।
युद्धविराम और वार्ता के बाद भी घटनाएँ जारी
पाकिस्तान की एयरस्ट्राइक के बाद दोनों देशों में तनाव काफी बढ़ गया था। सीमा पर गोलीबारी में दोनों तरफ का नुकसान हुआ। इसके बाद बॉर्डर पर 48 घंटे का सीजफायर हो गया। शुक्रवार शाम 6 बजे सीजफायर खत्म होने से पहले ही ऐलान हुआ कि अस्थायी युद्धविराम को दोहा में वार्ता खत्म होने तक बढ़ाया जाता है। इसके बाद भी पाकिस्तान ने अफगानिस्तान के पत्तिका प्रांत में एयरस्ट्राइक कर दी, जिसे तालिबानी अधिकारियों ने दोनों के बीच समझौता टूटने के रूप में बताया।
पाकिस्तान की मांगें और कड़े रुख का संकेत
ख्वाजा आसिफ ने कहा कि पाकिस्तान की तरफ से अफगानिस्तान को 836 प्रोटेस्ट नोट भेजे गए हैं और उससे 13 मांगें रखी गई हैं — ये सभी सीमा पार आतंकवाद से संबंधित हैं। उन्होंने कहा कि अब कोई भी प्रतिनिधिमंडल काबुल नहीं जाएगा, अब कोई प्रोटेस्ट नोट और शांति की अपील नहीं की जाएगी। उन्होंने स्पष्ट किया—आतंक जहाँ भी पल रहा है, उसे उसकी कीमत चुकानी पड़ेगी।
पाकिस्तान में ख्वाजा आसिफ कौन है?
ख्वाजा मुहम्मद आसिफ एक पाकिस्तानी राजनेता हैं जो 11 मार्च 2024 तक पाकिस्तान के रक्षा मंत्री हैं। इससे पहले वे 2022 से 2023 तक इस पद पर रहे थे।
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