वॉशिंगटन। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) की वैश्विक छवि बेहद खराब हो गई है। वे जितनी तेजी से वादा करते हैं, उतनी ही तेजी से उसे तोड़ भी देते हैं। अपनी बात से मुकरना और झूठ बोलना उनकी आदत बन चुकी है। यही कारण है कि लोग ट्रंप के वेस्ट बैंक पर इजरायल (Israel) कब्जा नहीं करने के वादे पर भरोसा नहीं कर रहे हैं।
गाजा संकट और अरब देशों का दबाव
गाजा में इजरायल की लगातार बमबारी और बढ़ते मानवीय संकट ने अरब देशों को परेशान कर दिया है। दोहा में अरब नेताओं की मीटिंग (Meeting) के बावजूद इजरायल गाजा में बमबारी रोकने को तैयार नहीं था। ट्रंप ने अरब देशों से मुलाकात में भरोसा दिया कि वे वेस्ट बैंक पर इजरायल का कब्जा नहीं होने देंगे।
यूएन असेंबली और दोहा बैठक
ट्रंप का यह रुख न्यूयॉर्क में यूएन जनरल असेंबली में अरब नेताओं से मुलाकात के दौरान सामने आया। दोहा में नाटो और खाड़ी क्षेत्र के प्रतिनिधियों की बैठक में गाजा युद्ध को खत्म करने और मानवीय सहायता पर चर्चा हुई। यूरोपीय देशों ने भी वेस्ट बैंक में इजरायल की नीतियों पर आपत्ति जताई।
व्हाइट पेपर और शांति का रोडमैप
ट्रंप की टीम ने अरब नेताओं के सामने व्हाइट पेपर पेश किया, जिसमें गाजा युद्ध खत्म करने का खाका और वेस्ट बैंक के संभावित विलय को रोकने का स्पष्ट संदेश था। इसमें युद्धविराम, मानवीय सहायता और भविष्य की शांति वार्ता के लिए संभावित रोडमैप शामिल था।
अमेरिका का संदेश और वैश्विक प्रतिक्रिया
इस कदम से अमेरिका ने दिखाया कि वे इजरायल के साथ खड़े हैं, लेकिन अरब दुनिया की चिंताओं को भी समझते हैं। ट्रंप का बयान अरब देशों और अंतरराष्ट्रीय समुदाय के लिए बड़ा संदेश है।
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