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USA : ट्रंप की नीतियों से भारत-चीन पास आने को मजबूर : पूर्व एनएसए

Anuj Kumar
Anuj Kumar
USA : ट्रंप की नीतियों से भारत-चीन पास आने को मजबूर : पूर्व एनएसए

वाशिंगटन । अमेरिका के पूर्व राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलिवन (Jake Sullivan) ने भारत के खिलाफ आक्रामक टैरिफ नीति (Tarrif Policy) अपनाने के लिए ट्रंप प्रशासन की कड़ी आलोचना की है। उनके मुताबिक, अमेरिका के राष्ट्रपति अपनी नीतियों से भारत को जानबूझकर चीन की ओर धकेल रहे हैं, जो कि अमेरिका के हितों के बिल्कुल विपरीत है। पूर्व अमेरिकी अधिकारी का यह बयान ऐसे समय पर आया है, जब दुनिया के दो सबसे बड़े लोकतांत्रिक देशों के संबंध सबसे निचले स्तर पर पहुंच गए हैं।

भारत पर लगातार बढ़ता टैरिफ

अमेरिका ने भारत पर 25 फीसदी का व्यापार टैरिफ और रूसी तेल खरीदने के लिए 25 फीसदी का अतिरिक्त टैरिफ लगाया है। ट्रंप प्रशासन (Trump Administration) लगातार भारत को निशाना बना रहा है। भारत ने इसका विरोध करते हुए साफ कहा है कि वह अपने किसानों के हितों और संप्रभुता की रक्षा के लिए किसी भी हद तक जाएगा।

सहयोगियों का घटता भरोसा

बाइडेन काल में एनएसए रहे सुलिवन ने दुनियाभर के देशों में अमेरिका के प्रति बढ़ते अविश्वास पर चिंता जताई। उन्होंने कहा, “आज कई सहयोगी देश अमेरिका को एक विघटनकारी ताकत मानते हैं। इसके उलट चीन लोकप्रियता और स्थायी नीतियों के मामले में हमसे आगे निकल गया है।”
सुलिवन के अनुसार, अब वैश्विक नेता अमेरिका पर भरोसा करने के बजाय उससे जोखिम कम करने की बात करते हैं। उन्होंने कड़े शब्दों में कहा—“आज अमेरिकी ब्रांड टॉयलेट में नजर आता है।”

भारत का उदाहरण देकर समझाया खतरा

अपने पॉडकास्ट में सुलिवन ने भारत का उदाहरण देते हुए कहा कि अमेरिका वर्षों से भारत के साथ गहरे और टिकाऊ संबंध बनाने की कोशिश कर रहा था। लेकिन ट्रंप प्रशासन ने भारत पर भारी टैरिफ लगाकर उसे चीन से बातचीत करने के लिए मजबूर कर दिया। उन्होंने कहा, भारत वह देश है, जिसके साथ हम मजबूत साझेदारी चाहते थे। लेकिन ट्रंप ने भारत के खिलाफ ही अभियान छेड़ दिया, नतीजतन भारतीयों का मानना है कि उन्हें चीन के साथ संबंध सुधारने चाहिए — और वे यही कर रहे हैं।”

जेक सुलिवन की पृष्ठभूमि क्या है?

ऑक्सफ़ोर्ड में रहते हुए, सुलिवन ने ऑक्सफ़ोर्ड इंटरनेशनल रिव्यू के प्रबंध संपादक के रूप में कार्य किया। उन्होंने दर्शनशास्त्र में स्नातकोत्तर की उपाधि प्राप्त की। उन्होंने 2003 में येल लॉ स्कूल से ज्यूरिस डॉक्टर की उपाधि प्राप्त की। वे ट्रूमैन नेशनल सिक्योरिटी प्रोजेक्ट के सदस्य और पूर्व बोर्ड सदस्य हैं।

अमेरिका के रक्षा विभाग का नाम क्या है?

रक्षा विभाग का मिशन युद्ध को रोकने और हमारे देश की सुरक्षा के लिए आवश्यक सैन्य बल प्रदान करना है। विभाग का मुख्यालय पेंटागन में है।

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