डीएसआर को बढ़ावा देने के लिए परियोजना का शुभारंभ
हैदराबाद। एसबीआई फाउंडेशन ने सोमवार को आईसीएआर-भारतीय चावल अनुसंधान संस्थान (ICAR-IIRR) में सतत चावल उत्पादन के लिए सीधे बीज वाले चावल (DSR) को बढ़ावा देने हेतु अपनी सीएसआर परियोजना का शुभारंभ किया। फाउंडेशन के प्रबंध निदेशक संजय प्रकाश ने इस परियोजना का औपचारिक शुभारंभ किया। इस परियोजना का उद्देश्य खम्मम और नलगोंडा जिलों में स्थायी चावल उत्पादन के लिए डीएसआर पद्धति को बढ़ावा देना और किसानों की आय में सुधार करना है। डीएसआर प्रशिक्षण गतिविधियों में सहयोग के लिए दो वाहनों, ‘एसबीआई किसान सारथी’ और ‘एसबीआई कृषि दर्शन’ को भी हरी झंडी दिखाई गई। जबकि किसान सारथी आईसीएआर-आईआईआरआर और केवीके में प्रशिक्षण में भाग लेने के लिए किसानों को मुफ्त परिवहन प्रदान करता है, ‘कृषि दर्शन’ एक मोबाइल जागरूकता अभियान वाहन है जो ऑडियो-विजुअल सहायक सामग्री से सुसज्जित है और एक समर्पित प्रशिक्षक गांव-स्तरीय प्रशिक्षण सत्र आयोजित करता है और मृदा परीक्षण किट सहायता प्रदान करता है।
500 किसानों को खेत-स्तरीय सहायता भी प्रदान करती है यह परियोजना
इसके अलावा, इस परियोजना के अंतर्गत, आईसीएआर-आईआईआरआर हैदराबाद परिसर में प्रत्यक्ष बीज से चावल उत्पादन पर प्रशिक्षण एवं अनुसंधान हेतु स्वचालित मौसम सेंसर युक्त एक वर्षा आश्रय स्थल की स्थापना और उद्घाटन किया गया है। इस वर्षा आश्रय स्थल का उद्घाटन कृषि विज्ञान, रोग विज्ञान, मृदा विज्ञान आदि पर डीएसआर-संबंधित अनुसंधान आरंभ करने के लिए किया गया। यह परियोजना 500 किसानों को खेत-स्तरीय सहायता भी प्रदान करती है, जिसमें बीज समर्थन, कीट प्रबंधन, और फसलों की वास्तविक समय निगरानी के लिए खेतों में आईओटी-सक्षम वैकल्पिक गीलापन और सुखाने (एडब्ल्यूडी) सेंसर शामिल हैं। लगभग 10,000 किसानों को गाँवों और परिसरों में प्रशिक्षण दिया जाएगा, जिससे डीएसआर को बड़े पैमाने पर अपनाने को बढ़ावा मिलेगा और इस प्रकार पर्यावरणीय स्थिरता सुनिश्चित करते हुए किसानों की आय में वृद्धि होगी।
फाउंडेशन स्थायी कृषि पद्धतियों को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध
संजय प्रकाश ने कहा कि एसबीआई फाउंडेशन स्थायी कृषि पद्धतियों को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है। आईसीएआर-आईआईआरआर के निदेशक डॉ. आरएम सुंदरम ने कहा कि सीधी बुवाई वाले चावल (डीएसआर) तकनीक में तेलंगाना में चावल उत्पादन में क्रांति लाने की क्षमता है। इस अवसर पर पीजेटीएयू के निदेशक विस्तार डॉ. एम याकाद्री, अटारी के निदेशक डॉ. शेख एन मीरा, कृषि विज्ञान के प्रधान वैज्ञानिक डॉ. आर महेंद्र कुमार, मृदा विज्ञान के प्रधान वैज्ञानिक डॉ. एमबीबी प्रसाद बाबू और विभिन्न अन्य हितधारक उपस्थित थे।

एसबीआई फाउंडेशन का इतिहास क्या है?
फाउंडेशन की स्थापना 2015 में भारतीय स्टेट बैंक द्वारा की गई थी। इसका उद्देश्य सामाजिक विकास, शिक्षा, स्वास्थ्य, ग्रामीण विकास और महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा देना है। यह भारत के विभिन्न हिस्सों में कई सीएसआर (CSR) परियोजनाओं के माध्यम से सामाजिक परिवर्तन लाने का कार्य करता है।
एसबीआई का अध्यक्ष वर्तमान में कौन है?
वर्तमान में (2025 में) भारतीय स्टेट बैंक (SBI) के अध्यक्ष दिनेश खारा हैं। वे 7 अक्टूबर 2020 को इस पद पर नियुक्त हुए थे। उनका कार्यकाल 3 वर्ष का था, जिसे बाद में बढ़ा दिया गया। वे बैंकिंग क्षेत्र में 30 वर्षों से अधिक का अनुभव रखते हैं।
एसबीआई फाउंडेशन स्कॉलरशिप के लिए कौन पात्र है?
फाउंडेशन की छात्रवृत्ति उन छात्रों को दी जाती है जो आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग से आते हैं। इसमें विशेष रूप से अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, दिव्यांग, या ग्रामीण क्षेत्र के छात्र पात्र होते हैं। साथ ही उनकी शैक्षिक प्रदर्शन और पारिवारिक आय की स्थिति भी देखी जाती है।
Read Also : Bihar : 101 करोड़ रुपये के गबन मामले में पूर्व शाखा प्रबंधक गिरफ्तार