सात महीने से ज़्यादा समय से मंचेरियल के जंगलों में रह रहा
मंचेरियल। महाराष्ट्र (Maharashtra) के एक नर बाघ ने मंचेरियल (Mancherial) के जंगलों को अपना नया घर बना लिया है, जिससे वन अधिकारियों और वन्यजीव प्रेमियों में खुशी की लहर दौड़ गई है। वन अधिकारियों के अनुसार, यह वयस्क बाघ महाराष्ट्र के ताडोबा अंधारी टाइगर रिज़र्व से अपने क्षेत्र की तलाश में पलायन कर गया था और अब सात महीने से ज़्यादा समय से मंचेरियल के जंगलों में रह रहा है। एक अधिकारी ने बताया, ‘यह लक्सेटीपेट रेंज में प्रवेश करने से पहले, कवाल टाइगर रिज़र्व (केटीआर) के मध्य में स्थित जन्नारम वन क्षेत्र में कुछ समय तक रहा। यह वर्तमान में लक्सेटीपेट रेंज में ही है।‘
चट्टानी इलाकों से होकर गुज़र रहा
एस12 नाम से पहचाने जाने वाले इस बाघ को पहली बार नवंबर में मंदामरी और लक्सेटीपेट रेंज के बीच घूमते हुए देखा गया था, जहाँ वह उपयुक्त क्षेत्र की तलाश में था। ऐसा प्रतीत होता है कि अनुकूल आवास और शिकार की उपलब्धता के कारण यह लक्सेटीपेट रेंज में बस गया है। हालाँकि हाल ही में इसके पैरों के कोई नए निशान नहीं मिले हैं, लेकिन अधिकारियों का मानना है कि यह चट्टानी इलाकों से होकर गुज़र रहा है।
मंचेरियल के जंगलों में घुस आया था बाघ
4 नवंबर को, बाघ ने लक्सेटीपेट के मुथ्यमपल्ली खंड के जंगलों में मवेशियों का शिकार किया। इससे पहले केटीआर के मुख्य क्षेत्रों में इसकी गतिविधियाँ दर्ज की गई थीं, और इसे पहली बार कुमराम भीम आसिफाबाद जिले के तिरयानी मंडल में देखा गया था। माना जा रहा है कि बाघ लगभग आठ महीने पहले राष्ट्रीय राजमार्ग-363 पार करके मंचेरियल के जंगलों में घुस आया था। वन अधिकारियों ने बाघ की गतिविधियों पर नज़र रखने के लिए सीसीटीवी कैमरा ट्रैप और ट्रैकर लगाए हैं। बाघ की मौजूदगी और मानव-पशु संघर्ष को रोकने के उपायों के बारे में स्थानीय लोगों को शिक्षित करने के लिए गाँवों में जागरूकता अभियान चलाए गए। किसानों से समूहों में घूमने का आग्रह किया गया, जबकि चरवाहों को सलाह दी गई कि वे चरने के लिए जंगल में गहराई तक न जाएँ।

बाघ किसे कहते हैं?
वन्य जीवन का एक शक्तिशाली और मांसाहारी प्राणी बाघ कहलाता है। यह जंगलों में पाया जाता है और भारत का राष्ट्रीय पशु है। इसके शरीर पर काले धारियां होती हैं जो इसे अन्य जानवरों से अलग पहचान देती हैं। यह शिकार में निपुण और अत्यधिक फुर्तीला होता है।
Tiger की उम्र कितनी होती है?
प्राकृतिक वातावरण में एक बाघ की औसत उम्र 10 से 15 वर्ष तक होती है। यदि वह चिड़ियाघर या अभयारण्य जैसे सुरक्षित स्थान पर हो, तो इसकी उम्र बढ़कर 20 वर्ष तक पहुंच सकती है। आयु का निर्धारण आहार, स्वास्थ्य और सुरक्षा पर भी निर्भर करता है।
बाघ का वैज्ञानिक नाम क्या है?
वैज्ञानिक रूप से बाघ को Panthera tigris कहा जाता है। यह फेलिडे (Felidae) कुल का सदस्य है और स्तनधारी प्राणियों में गिना जाता है। इसका वैज्ञानिक नाम वैश्विक स्तर पर इसकी पहचान तय करता है और जैववर्गीकरण में इसे एक विशेष स्थान प्रदान करता है।
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