तीसरे स्थान के लिए हिकारू नाकामुरा से भिड़ेंगे
दुनिया के नंबर-1 शतरंज खिलाड़ी मैग्नस कार्लसन (Magnus Carlsen) ने फ्रीस्टाइल शतरंज ग्रैंड स्लैम में बेहतरीन वापसी करते हुए अर्जुन एरिगेसी को 2-0 से और आर प्रज्ञानानंदा को 3-1 से मात दी है। वहीं अब तीसरे स्थान के लिए कार्लसन का मुकाबला यूएसए के हिकारू नाकामुरा से होगा। कार्लसन को इंटरमीडिएट राउंड में भारत के आर. प्रज्ञानानंदा (praggnanandhaa) से पहले राउंड में हार का सामना करना पड़ा, तथा दूसरे राउंड में जीत के साथ टाईब्रेकर का सहारा लेना पड़ा।
दोनों मैच कार्लसन के लिए रहे रोमांचक
बता दें कि, कार्लसन के लिए दोनों मैच काफी रोमांचक रहे क्योंकि इससे पहले प्रज्ञानानंदा ने उन्हें टूर्नामेंट जीतने का मौका हासिल करने से महरूम कर दिया था। भारतीय खिलाड़ी ने इस मिनी-मैच के पहले गेम में दुनिया के सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी के खिलाफ जीत के साथ शुरुआत की लेकिन नॉर्वे के खिलाड़ी ने ‘रिटर्न गेम’ में वापसी की और जीत हासिल कर टूर्नामेंट में वापसी की।

दूसरे गेम में सर्वश्रेष्ठ साबित हुए कार्लसन
वहीं अर्जुन ने पहले गेम में बढ़त हासिल की लेकिन इसे कायम नहीं रख सके जबकि दूसरे गेम में कार्लसन सर्वश्रेष्ठ साबित हुए। अंतिम दिन की अन्य बाजियों में अर्जुन पांचवें स्थान के प्ले-ऑफ के लिए अमेरिका के फैबियानो कारूआना से भिड़ेंगे जबकि प्रज्ञानानंदा को सातवें स्थान के लिए एक अन्य अमेरिकी वेस्ली सो से भिड़ना है। इस बीच हिकारू नाकामुरा ने अपने दो हमवतन खिलाड़ियों, इंटरमीडिएट राउंड में वेस्ली सो और निचले ब्रैकेट सेमीफाइनल में फैबियानो कारूआना को हराकर लास वेगास में पोडियम पर स्थान बनाने का मौका हासिल किया।
मैग्नस कौन था?
मैग्नस कार्लसन नॉर्वे के एक विश्वप्रसिद्ध शतरंज खिलाड़ी हैं। उन्होंने कम उम्र में कई रिकॉर्ड बनाए और लंबे समय तक विश्व शतरंज चैंपियन रहे। उन्हें आधुनिक शतरंज का ग्रैंडमास्टर कहा जाता है और उनकी शैली आक्रामक व रणनीतिक मानी जाती है।
मैग्नस कार्लसन किस उम्र में विश्व चैंपियन बने?
मैग्नस कार्लसन 22 साल की उम्र में 2013 में विश्व शतरंज चैंपियन बने। उन्होंने भारत के विश्वनाथन आनंद को हराकर यह खिताब जीता। इसके बाद वे लगातार कई वर्षों तक विश्व चैंपियन बने रहे और शतरंज की दुनिया में छाए रहे।
मैग्नस कार्लसन का आईक्यू कितना है?
मैग्नस कार्लसन का आईक्यू लगभग 190 बताया जाता है। यह बेहद उच्च स्तर का आईक्यू है, जो उन्हें जटिल शतरंज चालों को जल्दी समझने और रणनीति बनाने में मदद करता है। हालांकि उन्होंने कभी आधिकारिक रूप से इसका परीक्षण नहीं कराया।
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