अब दसवीं में 100% लाकर देश को चौंकाया!
Alwar Inspirational Story: अलवर की पायल यादव ने दोनों हाथ गंवाने के बावजूद दसवीं में 100% अंक प्राप्त कर मिसाल कायम की है। हाई टेंशन करंट से हादसे में हाथ खोने के बाद भी उसने हार नहीं मानी और पैरों से लिखकर परीक्षा दी। अब उनका सपना है IAS अधिकारी बनना।
अलवर. Alwar कहते हैं कि अगर हौसले बुलंद हों तो इंसान हर परिस्थिति में वह मुकाम हासिल कर सकता है जिसकी कल्पना भी मुश्किल हो। कुछ ऐसा ही कर दिखाया है अलवर जिले की बेटी पायल यादव ने. छह साल की उम्र में हाई टेंशन करंट से अपने दोनों हाथ गंवाने वाली पायल ने साबित कर दिया कि मजबूत इरादे किसी भी कठिनाई को हरा सकते हैं।
खैरथल तिजारा जिले के मुंडनकला गांव की रहने वाली पायल यादव ने दोनों हाथ न होते हुए भी दसवीं कक्षा में 100 प्रतिशत अंक प्राप्त किए हैं। इस उपलब्धि के बाद पूरे जिले में खुशी का माहौल है. हर विषय में अव्वल आने वाली पायल ने यह सफलता अपने पैरों से लिखकर हासिल की है। जो भी इस कहानी को सुन रहा वह भौचक्का रह जा रहा है।
पांच वर्ष की उम्र में हुआ हादसा, पर नहीं टूटा हौसला
- पायल पांच वर्ष की उम्र में खेलते समय करंट की चपेट में आ गई थी। करंट लगने से उसके दोनों हाथ झुलस गए और डॉक्टरों को उसकी जान बचाने के लिए दोनों हाथ काटने पड़े। परिजनों ने कृत्रिम हाथ लगवाए, लेकिन दो महीने बाद पायल ने उन्हें भी हटा दिया और अपने पैरों से काम करने का निश्चय किया।
पैर बने हाथ, परिवार में आया बदलाव
- हाथ गंवाने के बाद पायल ने परिवार से कॉपी और पेन मांगे. उसकी यह बात सुनकर पूरा परिवार भावुक हो गया। लेकिन पायल ने हिम्मत दिखाई और अपने पैरों से लिखना शुरू किया. धीरे-धीरे उसने इतना सुंदर लिखना शुरू कर दिया कि देखने वाले दंग रह गए. पायल खाने से लेकर अपने सारे काम अपने पैरों से ही करती है। इस सफलता के बाद पायल ने बताया कि वह अब IAS अधिकारी बनना चाहती है। उसने अपने आत्मविश्वास और संघर्ष से यह साबित कर दिया कि शरीर की कमजोरी नहीं, बल्कि मानसिक शक्ति ही सच्ची ताकत होती है।