नई दिल्ली । उपवास के दौरान सात्विक आहार (Sattvic diet) का सेवन न केवल शरीर को हल्का बनाता है, बल्कि मन की एकाग्रता को भी बढ़ाता है। नवरात्रि का पर्व केवल धार्मिक आस्था का समय नहीं है, बल्कि यह शरीर को शुद्ध करने और पाचन तंत्र को विश्राम देने का अवसर भी प्रदान करता है।
सिंघाड़े का आटा: हड्डियों और पाचन के लिए फायदेमंद
सिंघाड़े का आटा व्रत के दौरान सबसे लोकप्रिय विकल्प माना जाता है। इसमें कैल्शियम, आयरन (Iron) और फास्फोरस भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं। इससे बने हलवे, पुरी और चीले न केवल स्वादिष्ट होते हैं, बल्कि पौष्टिक भी होते हैं।
कुट्टू का आटा: ऊर्जा और प्रोटीन का स्रोत
कुट्टू का आटा (बकव्हीट) ग्लूटेन-फ्री और प्रोटीन (Protein) से भरपूर होता है। यह लंबे समय तक पेट भरा रखने में मदद करता है और लगातार ऊर्जा प्रदान करता है। व्रत के दौरान कुट्टू की रोटी और पकौड़ी खासतौर पर पसंद की जाती हैं।
साबूदाना और शकरकंद: तुरंत ऊर्जा और पाचन सुधार
साबूदाना में कार्बोहाइड्रेट की अधिकता होती है, जो तुरंत ऊर्जा देती है। इसमें मौजूद स्टार्च और कैल्शियम मांसपेशियों और हड्डियों को मजबूत बनाते हैं।
शकरकंद (स्वीट पोटैटो) विटामिन ए, सी और फाइबर का अच्छा स्रोत है, जो लंबे समय तक पेट भरा रखने और पाचन में सुधार करने में मदद करता है।
नारियल पानी और दूध: मिनरल्स और प्रोटीन का भंडार
नारियल पानी और गूदा प्राकृतिक इलेक्ट्रोलाइट्स और मिनरल्स का बेहतरीन स्रोत हैं। यह शरीर को डिहाइड्रेशन से बचाते हैं और ऊर्जा बनाए रखते हैं।
दूध और दही प्रोटीन, कैल्शियम और प्रोबायोटिक्स प्रदान करते हैं। दही में सेंधा नमक डालकर या लस्सी के रूप में इसका सेवन पाचन को और बेहतर बनाता है।
मेवे और फल: मानसिक और शारीरिक शक्ति
बादाम, काजू, अखरोट और किशमिश ओमेगा-3 फैटी एसिड और ऊर्जा से भरपूर होते हैं, जो मानसिक एकाग्रता और शारीरिक शक्ति बनाए रखने में सहायक हैं।
मौसमी फल जैसे सेब, पपीता, केला, अमरूद और अनार विटामिन, मिनरल और एंटीऑक्सीडेंट्स प्रदान करते हैं। ये शरीर को हल्का रखने और डिटॉक्सिफिकेशन में मददगार साबित होते हैं।
हर्बल चाय और सेंधा नमक: पाचन और रोग प्रतिरोधक
तुलसी और अदरक वाली हर्बल चाय पाचन सुधारने और मौसमी बीमारियों से बचाव में कारगर है।
सेंधा नमक भोजन को सुपाच्य बनाता है और शरीर में आवश्यक खनिजों की पूर्ति करता है।
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