नई दिल्ली । बारिश के मौसम में वातावरण में मौजूद नमी और चारों ओर फैली गंदगी के कारण वायरस (Virus) और बैक्टीरिया तेजी से पनपते हैं। इसकारण इस मौसम में कई तरह की संक्रामक बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। इन्हीं में से एक है निमोनिया, जो फेफड़ों में होने वाला एक गंभीर संक्रमण है। यह किसी भी उम्र के व्यक्ति को हो सकता है। लेकिन बच्चों, बुजुर्गों और कमजोर इम्यूनिटी (weak immunity) वाले लोगों को इसका रिस्क ज्यादा होता है। एक स्टडी के मुताबिक, मानसून के दौरान निमोनिया के मामले बढ़ते हैं। इसका कारण बारिश में भीगना और लंबे समय तक गीले कपड़ों में रहना है।
शरीर को पर्याप्त ऑक्सीजन नहीं मिलती है
हालांकि कुछ जरूरी सावधानियों को अपनाकर इस गंभीर बीमारी के खतरे से बचा जा सकता है। इस दौरान वातावरण में मौजूद बैक्टीरिया, वायरस और फंगस हवा, दूषित पानी व गंदी सतहों के जरिए शरीर में प्रवेश कर सकते हैं। इससे लंग्स इन्फेक्शन (Lungs Infection) या निमोनिया का खतरा कई गुना बढ़ जाता है। बारिश के मौसम में वायरल और बैक्टीरियल निमोनिया के मामले ज्यादा सामने आते हैं। निमोनिया में फेफड़ों की हवा भरी थैलियों में पस (मवाद) या फ्लुइड भर जाता है। इससे व्यक्ति को सांस लेने में परेशानी होती है और शरीर को पर्याप्त ऑक्सीजन नहीं मिलती है। समय पर इलाज न होने पर यह संक्रमण शरीर के अन्य हिस्सों में भी फैल सकता है। इसलिए लक्षण दिखते ही डॉक्टर से सलाह लेना जरूरी है। निमोनिया मुख्य रूप से चार तरह का होता है, जो उसके कारण और संक्रमण के टाइप पर निर्भर करता है।
बैक्टीरियल निमोनिया
यह स्ट्रेप्टोकोकस निमोनिया नामक बैक्टीरिया के कारण होता है। शरीर का इम्यून सिस्टम कमजोर होने से ये बैक्टीरिया आसानी से फेफड़ों में प्रवेश कर जाते हैं और इन्फेक्शन फैलाते हैं।
वायरल निमोनिया
जुकाम और फ्लू पैदा करने वाले वायरस भी निमोनिया का कारण बन सकते हैं। यह बैक्टीरियल निमोनिया की तुलना में आमतौर पर हल्का होता है, लेकिन फिर भी कमजोर इम्यूनिटी वाले लोगों के लिए खतरनाक हो सकता है।
फंगल निमोनिया
यह रेयर होता है और आमतौर पर उन लोगों को प्रभावित करता है, जिनका इम्यून सिस्टम बहुत कमजोर होता है (जैसे एचआईवी/एडस या कीमोथैरेपी वाले मरीज)। यह वातावरण में मौजूद फंगस (मिट्टी, पक्षियों की बीट) से फैलता है। एस्पिरेशन निमोनिया यह तब होता है, जब भोजन, पानी, उल्टी या लार सांस के साथ फेफड़ों में पहुंच जाती है। यह समस्या ज्यादातर उन लोगों में पाई जाती है, जिन्हें निगलने में परेशानी होती है।
निमोनिया किस कारण से होता है?
निमोनिया, फेफड़ों का एक संक्रमण है जो बैक्टीरिया, वायरस या फंगस के कारण हो सकता है. यह संक्रमण फेफड़ों में सूजन और मवाद या तरल पदार्थ के जमा होने का कारण बनता है, जिससे सांस लेने में कठिनाई हो सकती है.
निमोनिया के 7 प्रकार क्या हैं?
निमोनिया के मुख्य प्रकारों में बैक्टीरियल, वायरल, फंगल, और एस्पिरेशन निमोनिया शामिल हैं। इसके अलावा, निमोनिया को इस आधार पर भी वर्गीकृत किया जा सकता है कि यह कैसे अधिग्रहित किया गया है, जैसे कि समुदाय-अधिग्रहित, अस्पताल-अधिग्रहित, या स्वास्थ्य देखभाल से संबंधित निमोनिया।
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