नई दिल्ली,। दिल्ली समेत देश के कई हिस्सों में एच3एन2 वायरस (H3N2 Virus) का खतरा बढ़ता जा रहा है। यह वायरस इंफ्लुएंजा-ए का एक सबटाइप (Subtype) है, जो इन दिनों तेजी से लोगों को अपनी चपेट में ले रहा है। खास बात यह है कि यह वायरस आम फ्लू से थोड़ा अलग और गंभीर है।
क्या है H3N2 वायरस?
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक एच3एन2 वायरस दरअसल इंफ्लुएंजा-ए वायरस का एक प्रकार है। यह मौसमी फ्लू है जो खासकर मौसम के बदलाव के समय सक्रिय हो जाता है। इसकी सबसे बड़ी चुनौती यह है कि यह वायरस लगातार म्यूटेट होता रहता है, जिससे हर बार इसका नया प्रकार सामने आता है।
संक्रमण के लक्षण
एच3एन2 वायरस के लक्षण आमतौर पर संक्रमण के 1 से 4 दिनों के भीतर सामने आने लगते हैं।
- तेज बुखार
- लगातार खांसी
- गले में खराश या बंद होना
- नाक बहना या जाम होना
- शरीर में दर्द, मांसपेशियों में खिंचाव, सिरदर्द
- थकान और कमजोरी
बच्चों में अलग लक्षण
बच्चों में इसके लक्षण कुछ अलग हो सकते हैं।
- बुखार के साथ उल्टी
- जी मचलाना
कई बार माता-पिता इन्हें साधारण पेट खराब समझकर नजरअंदाज कर देते हैं, जिससे खतरा बढ़ जाता है।
कैसे फैलता है वायरस?
यह वायरस बेहद तेजी से फैलता है।
- खांसने, छींकने या बात करते समय निकली वायरस युक्त बूंदों से
- संक्रमित सतह को छूने और फिर चेहरे, मुंह या आंखों को छूने से
इस वजह से सावधानी और स्वच्छता बेहद जरूरी है।
किसके लिए ज्यादा खतरनाक?
स्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार यह वायरस खासकर इन लोगों के लिए खतरनाक है:
- छोटे बच्चे
- बुजुर्ग
- गर्भवती महिलाएं
- कमजोर इम्यूनिटी वाले लोग
इनमें यह ब्रोंकाइटिस या न्यूमोनिया जैसी गंभीर समस्याएं पैदा कर सकता है।
बचाव के उपाय
- समय पर वैक्सीन लगवाना
- बार-बार हाथ धोना
- खांसते-छींकते वक्त टिशू या कोहनी का इस्तेमाल करना
- चेहरे को बार-बार छूने से बचना
- लक्षण दिखने पर तुरंत आइसोलेशन
इलाज और सावधानी
एच3एन2 वायरस से ठीक होने में आमतौर पर एक हफ्ता लगता है। इस दौरान:
- पूरी तरह आराम करें
- पर्याप्त पानी पिएं
- डॉक्टर की दवाइयां समय पर लें
अगर बुखार लंबे समय तक बना रहे, सांस लेने में दिक्कत, सीने में दर्द या चक्कर आएं तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
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