Cluster Bomb ईरान ने क्यों किया इस्तेमाल, भारत की नीति?
हाल ही में ईरान ने Cluster Bomb का इस्तेमाल कर इजरायल पर बड़ा हमला किया, जिसके बाद इसे लेकर वैश्विक चिंता और बहस तेज हो गई है। सवाल उठता है कि आखिर ये क्लस्टर बम होता क्या है, इसे 123 देश क्यों बैन कर चुके हैं और भारत की इस पर क्या नीति है?
Cluster Bomb क्या होता है?
- Cluster Bomb यानी क्लस्टर म्यूनिशन एक ऐसा बम होता है,
- जो हवा में फटकर सैकड़ों छोटे-छोटे बमों को ज़मीन पर बिखेर देता है।
- ये छोटे बम कई बार तुरंत नहीं फटते और वर्षों तक ज़मीन में एक्टिव रहते हैं,
- जिससे आम नागरिकों को खतरा बना रहता है।
- इसका इस्तेमाल दुश्मन की सेना, बंकर और बख्तरबंद वाहनों को तबाह करने के लिए किया जाता है।

ईरान ने क्यों किया इस्तेमाल?
- इजरायल की एंटी-मिसाइल डिफेंस सिस्टम को चकमा देने और ज़्यादा क्षेत्र में नुकसान पहुंचाने के लिए ईरान ने क्लस्टर बम का प्रयोग किया।
- सैन्य विश्लेषकों के अनुसार, इस तरह के हथियार से दबाव बनाने और मनोवैज्ञानिक दहशत फैलाने का उद्देश्य भी हो सकता है।
- हालांकि इस कदम को कई अंतरराष्ट्रीय संस्थाएं युद्ध अपराध की श्रेणी में मानती हैं।
123 देश क्यों कर चुके हैं बैन?
- Convention on Cluster Munitions (CCM) के तहत 123 देशों ने क्लस्टर बम को मानवीय दृष्टिकोण से खतरनाक बताते हुए बैन किया है।
- ये बम आम नागरिकों के लिए लंबे समय तक खतरा बने रहते हैं, खासकर युद्ध के बाद।
- यूनिसेफ और रेड क्रॉस जैसे संगठनों ने भी इनके खिलाफ लगातार अभियान चलाए हैं।

क्या भारत करता है क्लस्टर बम का इस्तेमाल?
- भारत ने Convention on Cluster Munitions पर हस्ताक्षर नहीं किए हैं,
- इसलिए वह कानूनी रूप से इसके इस्तेमाल के लिए बाध्य नहीं है।
- भारत ने यह साफ किया है कि वह क्लस्टर बम का प्रयोग केवल “मिलिट्री टारगेट” पर करता है, और वह भी अंतरराष्ट्रीय मानकों के तहत।
- 2006 के कारगिल युद्ध में सीमित रूप से इनका इस्तेमाल हुआ था, जिसकी पुष्टि रक्षा सूत्रों ने की थी।
Cluster Bomb एक अत्यधिक खतरनाक हथियार है, जिसका प्रयोग युद्ध में रणनीति के तहत किया जाता है, लेकिन इसके मानवीय प्रभाव बेहद गंभीर होते हैं। ईरान द्वारा इसका इस्तेमाल अंतरराष्ट्रीय नियमों की दृष्टि से विवादास्पद है। भारत की नीति अभी तक संतुलित और जिम्मेदार मानी जाती है, लेकिन वैश्विक दबाव के चलते भविष्य में बदलाव संभव है।